बीजों का निर्यात बढ़कर 1000 करोड़ रुपए होने का अनुमान

बीजों का निर्यात बढ़कर 1000 करोड़ रुपए होने का अनुमान

नई दिल्ली : उद्योग संगठन एनएसएआई के एक अनुमान के अनुसार आर्थिक सहयोग एवं विकास संगठन (ओईसीडी) की सूची में भारतीय बीजों के 38 किस्मों के पंजीकृत होने के बाद अगले दो तीन वषरे में देश से कृषि बीजों का निर्यात दोगुने से भी अधिक होकर 1,000 करोड़ रुपये का हो सकता है।

ओईसीडी 34 देशों का एक समूह है। इसमें भारतीय बीजों के सूचीबद्ध होने से बीजों की गुणवत्ता की गारंटी प्रमाणित होती है जिसे ओईसीडी बीज योजना में भाग लेने वाले देश आयात कर सकते हैं। बीज योजना में करीब 57 देश पंजीकृत हैं।

राष्ट्रीय बीज संघ के कार्यकारी निदेशक राजू कपूर ने कहा, बीजों का निर्यात अगले दो तीन वषरे में 1,000 करोड़ रुपये का होने की उम्मीद है क्योंकि पहली बार ओईसीडी की सूची में 38 भारतीय निजी बीज किस्में पंजीकृत हुई हैं। कपूर ने कहा कि मौजूदा समय में भारत 400.450 करोड़ रुपये के बीजों का निर्यात करता है। कृषि बीजों का निर्यात बढ़ने की संभावना है क्योंकि ओईसीडी के गैर.सदस्य देश भी इस सूची के हिसाब से फैसले लेते हैं। उन्होंने कहा कि 38 किस्मों के पंजीकरण से ओईसीडी की सूची में भारतीय बीजों की संख्या बढ़कर 95 हो जायेगी। हाल में पंजीकृत बीज की किस्में संकर हैं और अधिकांशतया कपास, जई, मक्का और सब्जियों की हैं।

उन्होंने कहा कि आने वाले महीनों में ओईसीडी की सूची में पंजीकृत होने के लिए करीब 118 भारतीय किस्में विचाराधीन हैं। कपूर ने कहा कि मौजूदा समय में घरेलू बीज का बाजार 13,000 करोड़ रुपये का है जबकि विश्व के बीज बाजार में भारत का हिस्सा महज एक प्रतिशत है। उन्होंने कहा कि प्रस्तावित राष्ट्रीय बीज मिशन का उद्देश्य बीज क्षेत्र को बढ़ाना है। इसका उद्देश्य वर्ष 2020 तक वैश्विक व्यापार में हिस्सेदारी को 10 प्रतिशत तक बढ़ाना है। (एजेंसी)

First Published: Sunday, February 10, 2013, 17:03

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