बीमा क्षेत्र में 49 फीसदी FDI के पक्ष में इरडा

बीमा क्षेत्र में 49 फीसदी FDI के पक्ष में इरडा

बीमा क्षेत्र में 49 फीसदी FDI के पक्ष में इरडानई : बीमा नियामक एवं विकास प्राधिकार (इरडा) ने बीमा क्षेत्र में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआई) की सीमा बढ़ाकर 49 फीसदी करने का समर्थन किया है क्योंकि इस क्षेत्र की वृद्धि के लिए बड़े निवेश की जरूरत है। इरडा प्रमुख ने यह भी कहा कि वह अगले दो सप्ताह में साधारण बीमा कंपनियों के लिए प्रारम्भिक सार्वजनिक निर्गम (आईपीओ) लाने के दिशा-निर्देश जारी कर सकता है।

बीमा नियामक एवं विकास प्राधिकार (इरडा) के अध्यक्ष जे. हरिनारायण ने सीआईआई के एक समारोह से इतर संवाददाताओं से बातचीत में कहा, ‘बिल्कुल, मैं एफडीआई सीमा बढ़ाने के पक्ष में हूं। मुझे लगता है कि जब तक एफडीआई सीमा 49 फीसदी नहीं होगी हमारे पास बीमा उद्योग की वृद्धि बढ़ाने के लिए जरूरी पूंजी नहीं होगी।’ उन्होंने कहा, ‘इस क्षेत्र को बहुत अधिक धन की जरूरत है। बैंकों में यह सीमा 74 फीसदी है। परिसंपत्ति प्रबंधन कंपनियों में यह 100 फीसदी है। मुझे नहीं लगता है कि बीमा कंपनियों में यह 26 फीसदी क्यों रहनी चाहिए, हमें इसे बढ़ाना चाहिए।’

साधारण बीमा कंपनियों के आईपीओ के मुद्दे पर उन्होंने कहा, ‘बीमा परामर्श समिति ने सिफारिशों पर विचार किया है। अगले दो सप्ताह में गैर जीवन बीमा कंपनियों के आईपीओ से जुड़े दिशा-निर्देश आ जाने चाहिए।’ हरिनारायण ने कहा, ‘इस साल हमने जीवन बीमा कंपनियों के एकीकरण और गैर जीवन बीमा कंपनी के आईपीओ को अंतिम स्वरूप दिया है।’ यह पूछने पर कि क्या किसी जीवन बीमा कंपनी ने पूंजी बाजार के जरिए धन जुटाने में रुचि जाहिर की है उन्होंने कहा, ‘अब तक नहीं, किसी ने प्रस्ताव नहीं किया है।’

उन्होंने कहा बीमा कंपनियों को पालिसी बेचते समय पालिसीधारक की सेहत की जांच करनी होगी जैसा कि ज्यादातर देशों में होता है। उन्होंने कहा, ‘स्वास्थ्य बीमा के मामले में समस्या यह है कि आप यदि स्वास्थ्य संबंधी जोखिम का आंकलन करना चाहते हैं तो इसके लिए काफी वक्त और स्वास्थ्य जांच की जरूरत होगी। इसलिए बीमा कंपनियां इसे बाद में जब दावा पेश होता है तब कंपनियां इस तरह की जांच करती हैं। मुझे लगता है यह स्थिति बदलेगी।’ (एजेंसी)

First Published: Wednesday, October 3, 2012, 16:43

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