बुनियादी उद्योगों की वृद्धि दर 2.2 फीसदी तक फिसली

बुनियादी उद्योगों की वृद्धि दर 2.2 फीसदी तक फिसली

बुनियादी उद्योगों की वृद्धि दर 2.2 फीसदी तक फिसलीनई दिल्ली : देश के आठ आधारभूत उद्योगों की वृद्धि दर में अप्रैल महीने के दौरान तेजी से फिसल कर मात्र 2.2 तक सीमित रह गई जो घरेलू अर्थव्यवस्था में नरमी का संकेत माना जा रहा है। अप्रैल, 2011 में बुनियादी उद्योगों की की वृद्धि दर 4.2 प्रतिशत थी।

कच्चा तेल, प्राकृतिक गैस, प्रेट्रोलियम रिफाइनरी तथा उर्वरकों के खराब प्रदर्शन के कारण ढांचागत क्षेत्र की वृद्धि दर घटी है। बुनियादी उद्योगों की क्षेणी में कोयला, बिजली, सीमेंट तथा तैयार स्टील उद्योग भी शामिल हैं और इन उद्योगों का कुल औद्योगिक उत्पादन में योगदान 37.9 प्रतिशत है। वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय द्वारा जारी आंकड़ों के अनुसार वित्त वर्ष 2011-12 के दौरान बुनियादी ढांचा उद्योग की वृद्धि दर भी 4.4 प्रतिशत रही जो 2010-11 में 6.6 प्रतिशत थी। इस बार अप्रैल में प्राकृतिक गैस तथा कच्चा तेल का उत्पादन पिछले साल अप्रैल की तुलना में क्रमश: 11.3 प्रतिशत तथा 1.3 प्रतिशत कम रहा।

पेट्रोलियम रिफाइनरी उत्पाद तथा उर्वरकों के उत्पादन में इस बार अप्रैल में क्रमश: 2.8 प्रतिशत तथा 9.3 प्रतिशत की गिरावट दर्ज की गयी। कोयला, स्टील तथा सीमेंट क्षेत्र में उत्पादन वृद्धि दर अप्रैल 2012 के दौरान क्रमश: 3.8 प्रतिशत, 5.8 प्रतिशत तथा 8.6 प्रतिशत रही। पिछले वर्ष के इसी महीने में कोयला उत्पादन 2.7 प्रतिशत की दर से बढ़ा था पर स्टील के उत्पादन में 2.9 प्रतिशत और सीमेंट उत्पादन में 0.1 प्रतिशत की गिरावट दर्ज की गई। बहरहाल, बिजली उत्पादन क्षेत्र में वृद्धि दर कम होकर 4.6 प्रतिशत रही जो इससे पूर्व अप्रैल 2011 में 6.11 प्रतिशत थी। (एजेंसी)

First Published: Thursday, May 31, 2012, 17:25

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