Last Updated: Tuesday, February 28, 2012, 15:08
नई दिल्ली : कच्चे तेल और पेट्रोलियम रिफाईनरी उद्योग के निराशाजनक प्रदर्शन के चलते बुनियादी उद्योगों की वृद्धि दर जनवरी में गिरकर 0.5 फीसदी रह गई। पिछले साल इसी माह इन उद्योगों की वृद्धि 6.4 फीसदी थी। यह दो महीने में वृद्धि का निम्नतम स्तर है। दिसंबर 2011 के दौरान इन उद्योगों में इसमें थोड़ा सुधार दिखा था और वृद्धि 3.1 फीसदी थी।
इन आठ उद्योगों में कच्चा तेल, पेट्रोलियम रिफाईनरी उत्पाद, प्राकृतिक गैस, उर्वरक, कोयला, बिजली, सीमेंट और तैयार इस्पात उद्योग शामिल है। इन की वृद्धि दर में गिरावट से अर्थव्यवस्था में नरमी का संकेत मिलता है। जुलाई सितंबर की तिमाही के दौरान सकल घरेलू उत्पाद की वृद्धि दर 6.9 फीसदी थी जो पिछली नौ तिमाहियों का निम्नतम स्तर है।
वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय द्वारा जारी आंकड़े के मुताबिक इस बार जनवरी में चार क्षेत्रों-बिजली, सीमेंट, कोयला और उर्वरक को छोड़ कर बाकी का मासिक उत्पादन एक वर्ष पहले की तुलना में कम रहा। इससे अर्थव्यवस्था की स्थिति को लेकर सरकार की चिंता बढ गई होगी। कुल औद्योगिक उत्पादन में करीब 38 प्रतिशत का योगदान करने वाले बुनियादी ढांचा उद्योग के निराशाजनक प्रदर्शन का असर जनवरी के आईआईपी के आंकड़े पर पड़ सकता है जो 12 मार्च को जारी होना है। अर्थशास्त्री और फिक्की के महासचिव राजीव कुमार ने कहा कि बुनियादी उद्योगों के आंकड़े से अर्थव्यवस्था में नरमी का संकेत मिलता है।
कुमार ने कहा कि सरकार को मजबूत और ढांचागत सुधार से जुड़े कदमों पर ध्यान केंद्रित करना चाहिए ताकि और इसमें और कमी होने से रोका जा सके।
(एजेंसी)
First Published: Tuesday, February 28, 2012, 20:38