Last Updated: Thursday, December 20, 2012, 20:39
नई दिल्ली : बैंकिंग कानून (संशोधन) विधेयक 2012 गुरुवार को राज्य सभा में पारित हो गया। इसके साथ ही नए बैंक लाइसेंस जारी होने और क्षेत्र में विलय का रास्ता भी साफ हो गया। दो दिन पहले लोकसभा में भी विधेयक पारित हो चुका है।
विधेयक में निजी क्षेत्र के बैंकों में निवेशकों का मताधिकार 10 फीसदी से बढ़ाकर 26 फीसदी करने का प्रावधान है। इसके कारण विदेशी निवेशकों के लिए भारतीय बैंकिंग क्षेत्र आकर्षक हो जाएगा और क्षेत्र में विलय की सम्भावना बढ़ सकती है।
नए कानून से भारतीय रिजर्व बैंक को नए बैंक लाइसेंस जारी करने का अधिकार मिल गया है। सदन में बहस के दौरान वित्त मंत्री पी. चिदम्बरम ने कहा कि इससे भारत में विश्व स्तरीय बैंक के उभरने में मदद मिलेगी। उन्होंने कहा, "हमें और अधिक बैंक की जरूरत है। यह सही है कि हम शाखाओं की संख्या बढ़ा रहे हैं, लेकिन यह काफी नहीं है। हमें दो-तीन वैश्विक आकार के बैंक चाहिए।" (एजेंसी)
First Published: Thursday, December 20, 2012, 20:39