Last Updated: Sunday, June 9, 2013, 17:05

नई दिल्ली : भारतीय रिजर्व बैंक देश में बैंकिंग ढांचे पर जल्द परिचर्चा पत्र लेकर आएगा। इसमें एकीकरण जैसे मुद्दों पर चर्चा होगी। केंद्रीय बैंक ऐसे समय बैंकिंग ढांचे पर दस्तावेज लाने जा रहा है जबकि वह एक दशक बाद नए बैंक लाइसेंस जारी करने की तैयारी कर रहा है। रिजर्व बैंक कारपोरेट इकाइयों को नए बैंकिंग लाइसेंस जारी करने से पहले इसमें प्रवर्तन एजेंसियां और कर अधिकारियों को भी शामिल किया जाएगा। नए बैंक लाइसेंसों के लिए आवेदन 1 जुलाई तक किए जा सकते हैं।
सुब्बाराव ने कहा, ‘रिजर्व बैंक जब परिचर्चा पत्र लाएगा तो मेरी बात पूरी तरह सामने आएगी। यह भारत में बैंकिंग ढांचे पर परिचर्चा पत्र होगा। अगले एक माह में हम इसे लाएंगे जिसमें हम इन मुद्दों का समाधान करेंगे या फिर कम से कम चर्चा के लिए इनको परिभाषित करेंगे।’ उन्होंने वित्त मंत्री पी चिदंबरम द्वारा बैंकों के एकीकरण संबंधी बयान पर पूछा गया था। सुब्बाराव ने कहा कि इस मुद्दे को देखने वाली बैंकिंग क्षेत्र पर नरसिम्हन समिति ने कहा है कि वैश्विक स्तर पर भारत में कुछ बड़े बैंक होने चाहिए, प्रतिस्पर्धी और वैश्विक बैंकों के समान।
समिति ने कहा है कि देश में कुछ मध्यम आकार के और कुछ छोटे बैंक भी होने चाहिए जो अधिक पहुंच बना सकते हैं। उन्होंने कहा कि हमने इस मुद्दे पर विचार विमर्श किया है और हम अधिक बैंकों को लाइसेंस देने जा रहे हैं जिससे बैंकों की प्रतिस्पर्धा बढ़ेगी।
सूत्रों ने बताया कि परिचर्चा पत्र में निवेश बैंकों की जरूरत, विदेशी बैंकों की उपस्थिति पर नीति, शहरी सहकारी बैंकों को वाणिज्यिक बैंकों में बदलना, नए बैंकों को लाइसेंस की समयावधि आदि का भी उल्लेख होगा। यह पूछे जाने पर कि क्या नए बैंक लाइसेंसों की संख्या के बारे में रिजर्व बैंक कुछ सोच रहा है, सुब्बाराव ने कहा कि संख्या की बात अभी नहीं है।
उन्होंने कहा कि संख्या में बारे में अभी मैं कोई प्रतिबद्धता नहीं जता सकता। ‘लेकिन यह सोचना कि इस समय देश में 86 बैंक हैं और हम 86 और लाइसेंस देंगे, तो यह कुछ अधिक होगा।’ ‘इसके साथ ही यदि हम सिर्फ दो-तीन लाइसेंस देते हैं, तो यह बेकार की कवायद होगी। ऐसे में हमें सही संतुलन स्थापित करना होगा। लेकिन संख्या के बारे में अभी मैं कुछ नहीं कह सकता।’ एक सवाल के जवाब में सुब्बाराव ने आवेदन प्राप्त करने की तारीख को आगे बढ़ाने की संभावना से इनकार किया। ‘दिशा निर्देश दो माह पहले आ चुके हैं। स्पष्टीकरण भी आ चुका है। मुझे नहीं लगता है कि कोई भी गंभीर संभाविक आवेदन खाली बैठा होगा। आप जानते हैं कि लोग आवेदन के लिए अंतिम तारीख का इंतजार करते हैं। मुझे लगता है कि वे अपने आवेदन के साथ तैयार होंगे। हमें उम्मीद है कि ज्यादातर लोग अंतिम सप्ताह में आवेदन करेंगे।’
रिजर्व बैंक उचित आवेदकों का चयन कैसे करेगा, इस सवाल पर रिजर्व बैंक के गवर्नर ने कहा कि इसके लिए कोई कड़ा मापदंड नहीं तय किया गया है। ‘हम प्रवर्तन एजेंसियों और कर अधिकारियों से रिपोर्ट प्राप्त करेंगे। हम यह तय करना होगा कि क्या किसी आवेदन के बारे में गलत टिप्पणी आदि आई है।’ इसके साथ ही उन्होंने कहा कि जो भी पात्र है सभी को लाइसेंस देना भी संभव नहीं होगा। ‘हमें लगता है कि हम जितने लाइसेंस देना चाहते हैं पात्र आवेदकों की संख्या उससे कहीं अधिक होगी।’ उन्होंने कहा कि उनके सितंबर में सेवानिवृत्त होने से पहले नए लाइसेंस दिए जाने की संभावना नहीं है।
रिजर्व बैंक ने निजी क्षेत्र में नए बैंक लाइसेंसों के बारे में दिशानिर्देश 22 फरवरी, 2013 को जारी किए थे। उसके बाद वह इस बारे में स्पष्टीकरण जारी कर चुका है। बताया जाता है कि कई बड़ी कंपनियां बैंकिंग लाइसेंस हासिल करना चाहती हैं। इनमें अनिल अंबानी की अगुवाई वाला रिलायंस समूह, एलएंडटी, महिंद्रा, बिड़ला, रेलिगेयर और वीडियोकॉन सार्वजनिक रूप से अपनी इच्छा जता चुके हैं। इसके अलावा गैर बैंकिंग वित्तीय कंपनियां श्रीराम समूह, इंडियाबुल्स, इंडिया इन्फोलाइन, आईएफसीआई और पीएफसी ने भी बैंकिंग लाइसेंस हासिल करने की इच्छा जताई है। मुकेश अंबानी की अगुवाई वाला रिलायंस समूह और टाटा जैसी कंपनियां भी बैंकिंग क्षेत्र में उतरने को इच्छुक बताई जाती हैं। (एजेंसी)
First Published: Sunday, June 9, 2013, 17:05