बैंकों में बढ़ते कर्ज जोखिम पर प्रणब की चिंता

बैंकों में बढ़ते कर्ज जोखिम पर प्रणब की चिंता

नई दिल्ली : वित्त मंत्री प्रणब मुखर्जी ने बैंकों में बढ़ते कर्ज जोखिम पर चिंता व्यक्त करते हुये उन्हें इस स्थिति से निपटने के लिये कमर कसने को कहा है।प्रणब मुखर्जी ने बाजार की उठापटक, वैश्विक मंदी और परिसंपत्तियों की गुणवत्ता को लेकर बढ़ते जोखिम के प्रति बैंकों को सतर्क किया। उन्होंन कहा कि पिछले कुछ वर्षों में बैंकों में गैरनिष्पादित राशि (एनपीए) तेजी से बढ़ी है।

मुखर्जी ने कल शाम यहां सार्वजनिक क्षेत्र के बैंक ऑफ इंडिया के कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने इस अवसर पर पूर्वोत्तर क्षेत्र के राज्य मणिपुर के एक गांव में स्थापित बैंक ऑफ इंडिया की 4001वीं शाखा का रिमोट कंट्रोल यंत्र दबाकर उद्घाटन किया। वित्त मंत्री ने कहा कि बैंक ऑफ इंडिया का नेट एनपीए मार्च 2011 के 1945 करोड़ रुपये से बढ़कर मार्च 2012 की समाप्ति पर 3656 करोड़ रुपये हो गया। इस दौरान बैंक की परिसंपत्तियों पर सालाना प्राप्ति भी 0.82 प्रतिशत से घटकर 0.72 प्रतिशत रह गई।

उन्होंने कहा, पिछले कुछ वर्षों में बैंकों में परिसंपत्तियों में गुणवत्ता की समस्या बढ़ी है, रिजर्व बैंक ने बैंकों को फंसे कर्ज वाली परिसंपत्तियों के उचित प्रबंधन पर जोर दिया है। बैंकों को रिजर्व बैंक की इस सलाह पर ध्यान देना चाहिये। बैंकों को न केवल एनपीए कम करना होगा बल्कि पेशेवर ढंग से परिसंपत्तियों की गुणवत्ता पर भी गौर करना होगा। वित्त मंत्री ने देश के दूरदराज ग्रामीण इलाकों में बैंकिंग सेवाओं के विस्तार कार्यक्रम के तहत बैंक ऑफ इंडिया की 1501वीं अति लघु शाखा की भी शुरुआत की। यह शाखा पश्चिम बंगाल के मुशिर्दाबाद जिले में शुरु की गई।
मुखर्जी ने बैंकों के लिये ‘पूर्ण ग्राहक संतुष्टि’ हासिल करना बड़ी चुनौती बताया। उन्होंने कहा कि बैंकिंग कारोबार मूल रुप से ग्राहक केन्द्रित व्यावसाय है और बेहतर ग्राहक सेवा ही बैंकों की वृद्धि और स्थायित्व का मूलमंत्र है। इसके लिये बेहतर नजरिया अपनाने की आवश्यकता है। बैंक के शीर्ष प्रबंधन से लेकर निचले कर्मचारियों के स्तर तक व्यवहार कुशल बनकर ही बेहतर ग्राहक सेवा दी जा सकती है।

मुखर्जी ने इस अवसर पर बैंक द्वारा किसानों की सुविधा के लिये कृषि उत्पाद क्षेत्र में नये प्रयासों की जानकारी देने वाले विशेष प्रकोष्ठ ‘अपूर्व’ की भी शुरुआत की गई। निवेश कारोबार को बढ़ावा देने वाले बैंक के ‘बीओआई-एक्सा इन्वेस्टमेंट मैनेजर्स प्रा. लिमिटेड’ नामक संयुक्त उद्यम का प्रतीक चिन्ह भी इस अवसर पर जारी किया। इससे आम जनता को म्यूचुवल फंड और निवेश कारोबार तक पहुंच सुनिश्चित करने में मदद मिलेगी।

वित्त राज्य मंत्री नमो नारायण मीणा और वित्तीय क्षेत्र के सचिव डीके मित्तल भी कार्यक्रम में उपस्थित थे। बैंक ऑफ इंडिया के सीएमडी आलोक मिश्रा ने ग्रामीण क्षेत्र के विकास और वित्तीय समावेश में बैंक की प्रतिबद्धता को एक बार फिर रेखांकित किया। (एजेंसी)

First Published: Tuesday, May 29, 2012, 18:11

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