`ब्याज दरों में कटौती मुश्किल, CRR में कटौती संभव`

`ब्याज दरों में कटौती मुश्किल, CRR में कटौती संभव`

नई दिल्ली : भारतीय रिजर्व बैंक की 18 दिसंबर को होने वाली मौद्रिक नीति की मध्य तिमाही समीक्षा में नीतिगत दरों में कटौती की संभावना नहीं है। हालांकि, आर्थिक वृद्धि को प्रोत्साहन देने के लिए केंद्रीय बैंक नकद आरक्षित अनुपात (सीआरआर) में 0.25 प्रतिशत कटौती कर सकता है।

बैंक ऑफ अमेरिका मेरिल लिंच की अनुसंधान रपट में कहा गया है कि केंद्रीय बैंक मध्य तिमाही समीक्षा में सीआरआर में चौथाई फीसद कटौती कर सकता है, वहीं ब्याज दरों में कमी जनवरी से महंगाई के नीचे आने के बाद हो सकती है। रिपोर्ट में कहा गया है कि महंगाई के नीचे आने के बाद हमें उम्मीद है कि केंद्रीय बैंक जनवरी से दरों में कटौती शुरु करेगा और जुलाई तक इनमें 0.75 प्रतिशत तक की कटौती होगी। हालांकि, नीतिगत दरों में कटौती से रिण उस समय तक सस्ता नहीं होगा, जब तक कि तरलता की स्थिति में सुधार नहीं होता है। पिछले तीन माह के दौरान रिजर्व बैंक ने सीआरआर में आधा फीसदी कटौती कर इसे 4.25 प्रतिशत पर ला दिया।

रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि ब्रिक देशों में भारत की एकमात्र देश है जहां ब्याज दरें 2008 के उच्च स्तर पर हैं। 2008 के वैश्विक आर्थिक संकट से पहले भारत की अर्थव्यवस्था 8 से 9 फीसदी की दर से बढ़ रही थी। 2011-12 में यह घटकर नौ साल के निचले स्तर 6.5 प्रतिशत पर आ गई। (एजेंसी)

First Published: Monday, December 10, 2012, 18:08

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