Last Updated: Thursday, January 5, 2012, 11:07
नई दिल्ली: खाद्य मुद्रास्फीति के दिसंबर में शून्य से भी नीचे चले जाने पर प्रधानमंत्री की आर्थिक सलाहकार परिषद ने इस महीने अंत में आने वाली मौद्रिक नीति समीक्षा में ब्याज दरों में कटौती की वकालत की है।
पीएमईएसी अध्यक्ष सी रंगराजन ने मुद्रास्फति के बारे में कहा ‘माहौल अब रिजर्व बैंक द्वारा अपनी मौद्रिक नीति में बदलाव के पक्ष में है।’ उल्लेखनीय है कि 24 दिसंबर को समाप्त सप्ताह के दौरान मुद्रास्फीति शून्य से गिरकर 3.36 फीसद रह गई।
भारतीय रिजर्व बैंक ने मुद्रास्फीति पर अंकुश लगाने के लिये मार्च 2010 के बाद ब्याज दरों में 13 बार वृद्धि की है लेकिन दिसंबर में अपनी मध्य तिमाही समीक्षा में ब्याज दरों को अपरिवर्तित रखा। केंद्रीय बैंक 24 जनवरी को मौद्रिक नीति तीसरी तिमाही समीक्षा पेश करेगा है।
खाद्य मुद्रास्फीति में गिरावट को उम्मीद के अनुरूप करार देते हुए उन्होंने कहा कि मार्च तक खाद्य मुद्रास्फीति शून्य से नीचे बनी रहेगी।
पीएमईएसी चेयरमैन ने कहा ‘यह गिरावट आशा के अनुरूप है क्योंकि हाल में सब्जियों की कीमत घटी है। मुझे लगता है कि खाद्य मुद्रास्फीति जनवरी में शून्य से नीचे रहेगी और मार्च तक शून्य के नीचे या इसके करीब रहेगी।’
उन्होंने कहा कि खाद्य मुद्रास्फीति में गिरावट के कारण सकल मुद्रास्फीति मार्च तक सात फीसद के नीचे आ जायेगी।
रंगराजन ने कहा ‘‘हमने अनुमान लगाया था कि मार्च तक सकल मुद्रास्फीति सात फीसद रहेगी। हालांकि यह सात फीसद से नीचे रहेगी।’
(एजेंसी)
First Published: Thursday, January 5, 2012, 16:37