Last Updated: Sunday, January 20, 2013, 20:27

नई दिल्ली : भारत और अमेरिका ने जेट इंजन आपूर्ति के 3,000 करोड़ रुपये के सौदे को अंतिम रूप दे दिया है। अमेरिका से खरीदे जाने वाले 99 जेट इंजनों का भारत में निर्मित हल्के लड़ाकू विमान ‘तेजस’ में इस्तेमाल किया जाएगा।
रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन (डीआरडीओ) इसे विकसित कर रहा है। भारत ने एलसीए मार्क-दो कार्यक्रम के लिये करीब दो साल पहले यूरोपीय यूरोजेट 2000 के मुकाबले अमेरिकी कंपनी जनरल इेक्ट्रिक को तरजीह दी। इस कार्यक्रम के 2014-15 तक पूरा होने की उम्मीद है।
डीआरडीओ अधिकारियों ने कहा, ‘हल्के लड़ाकू विमान (एलसीए) तेजस एमके दो के लिये 99 इंजन खरीदने को लेकर अमेरिका के साथ 3,000 करोड़ रुपए के सौदे को अंतिम रुप दे दिया गया है।’
अनुबंध के तहत आर्डर शुरू में 99 इंजन का हो सकता है लेकिन भारत के पास भविष्य में 100 और इंजन का आर्डर देने का विकल्प होगा।
एलसीए मार्क-2 के लिये इंजन जीईएफ-414 है जो पूर्व में लगे जीई एफ-404 के मुकाबले ज्यादा शक्तिशाली है।
डीआरडीओ वायुसेना की जरूरतों को पूरा करने के लिये एलसीए एमके दो का विकास कर रहा है। इसमें एक्टिव इलेक्ट्रानिक स्कैन्ड एरे (एईएसए) रडार समेत अत्याधुनिक उपकरण लगे होंगे और एलसीए एमके 1 के मुकाबले इसकी आयुध वहन क्षमता भी अधिक होगी। (एजेंसी)
First Published: Sunday, January 20, 2013, 20:27