Last Updated: Friday, June 21, 2013, 22:17
नई दिल्ली : भारत-अमेरिका रणनीतिक वार्ता के लिए रविवार को यहां पहुंच रहे अमेरिकी विदेश मंत्री जॉन कैरी और भारतीय नेताओं के बीच होने वाली बातचीत के एजेंडे में द्विपक्षीय कारोबार, रक्षा और सुरक्षा सहयोग तथा उर्जा व उच्च शिक्षा जैसे विषय अहम रहेंगे।
भारत कतर में तालिबान का एक दफ्तर खुलने के संबंध में अमेरिका से जानकारी मांगेगा। इसके अलावा भारत एच1बी और एल श्रेणी के वीजाओं पर अपनी चिंता भी रखेगा जिन्हें लेकर भारतीय उद्योग जगत और खासकर आईटी क्षेत्र में चिंता रही है। इन सब के अतिरिक्त बाजार तक पहुंच, परमाणु जवाबदेही विधेयक और अमेरिकी राष्ट्रीय सुरक्षा एजेंसी के इंटरनेट जासूसी कार्यक्रम भी विचार-विमर्श का विषय हो सकते हैं।
पांच महीने पहले अमेरिका के विदेश मंत्री की जिम्मेदारी संभालने के बाद पहली बार भारत यात्रा पर आ रहे कैरी भारत-अमेरिका उच्च शिक्षा वार्ता की सह-अध्यक्षता भी करेंगे। विदेश मंत्री सलमान खुर्शीद के साथ रणनीतिक वार्ता की अध्यक्षता करने के साथ कैरी प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह से भी मुलाकात करेंगे।
कैरी के नेतृत्व में एक उच्चाधिकार प्राप्त प्रतिनिधिमंडल भारत आ रहा है जिसमें अमेरिकी उर्जा मंत्री, नासा निदेशक के साथ प्रशांत क्षेत्र के लिए अमेरिकी सैन्य प्रमुख एडमिरल सैमुअल लॉकलीयर और विदेश तथा गृह सुरक्षा विभाग के आला अफसर साथ होंगे। विदेश मंत्रालय में संयुक्त सचिव, एएमएस (अमेरिका) विभाग, विक्रम कुमार दुरईस्वामी ने कहा कि राष्ट्रपति के रूप में बराक ओबामा के दूसरे कार्यकाल में यह पहला उच्चस्तरीय राजनीतिक संवाद होगा। (एजेंसी)
First Published: Friday, June 21, 2013, 22:17