Last Updated: Tuesday, December 13, 2011, 09:33
ज़ी न्यूज ब्यूरो नई दिल्ली : वित्त मंत्री प्रणब मुखर्जी ने मंगलवार को औद्योगिक विकास दर में गिरावट पर चिंता जाहिर करते हुए कहा कि इस दर में इतनी गिरावट काफी गंभीर है। लेकिन देश की अर्थव्यवस्था मजबूत है और भारत के पास आर्थिक संकट से निपटने की क्षमता है। साथ ही, उन्होंने यह भी कहा कि आर्थिक संकट से निपटने के लिए हमें मिलकर उपाय ढूंढने होंगे।
संसद के शीत सत्र के दौरान उन्होंने कहा कि यह कहना गलत होगा कि अर्थव्यवस्था में सुधार नहीं हो रहा है और सरकार में नीतियों का अभाव है। उन्होंने यह भी कहा कि बेरोजगारी दर में धीरे-धीरे कमी आ रही है। रुपया कमजोर हो रहा है और आर्थिक विकास दर गिर रही है। हम भी इसके प्रभाव में आ सकते हैं और हमें इसकी चिंता है। स्थिति में सुधार के लिए छोटे-मंझोल उद्योगों को रियायत मिला और बुनकरों को पैकेज देने का फैसला किया गया।
आर्थिक क्षेत्रों में आई शिथिलता पर चिंता जताते हुए वित्त मंत्री प्रणब मुखर्जी ने कहा कि सरकार सुधारों के मामले में व्यापक सहमति बनाने के लिए प्रयास करेगी क्योंकि समस्याओं से पार पाने में अर्थव्यवस्था सक्षम है। प्रणब ने राज्यसभा में 2011-12 के लिए अनुदान की अनुपूरक मांगों पर हुई चर्चा के जवाब में यह बात कही। उन्होंने कहा कि औद्योगिक विकास दर के नकारात्मक रहने के मद्देनजर सवाल उठाए जा रहे हैं कि क्या विकास मंद पड़ रहा है। उन्होंने कहा कि इस संकट को पार पाने के लिए हमारे पास क्षमता और मजबूती दोनों है।
गौरतलब है कि अक्टूबर में औद्योगिक उत्पाद 5.1 प्रतिशत घट गया है और रूपया घटकर सर्वकालिक निचले स्तर 53 रूपये प्रति डालर के स्तर पर आ गया है। वित्त मंत्री ने कहा कि अर्थव्यवस्था में सुधार के लिए संसद और अन्य संस्थानों का बिना व्यवधान के कामकाज करना भी जरूरी है। उन्होंने संसद के बार बार बाधित होने पर निराशा जताई। उन्होंने कहा कि हमें संसद में अस्थिरता को संस्थागत नहीं बनाना चाहिए। उन्होंने कहा कि गठबंधन सरकार 2000 के बाद से स्थिर हैं।
देश में कथित राजनीतिक अस्थिरता पर प्रतिक्रिया देते हुए प्रणब मुखर्जी ने कहा कि राजनीतिक स्थिरता ही आर्थिक विकास का आधार है। मुखर्जी ने कहा कि ऐसी छवि बनाई जा रही है कि सरकार कोई फैसला नहीं ले रही है।
First Published: Wednesday, December 14, 2011, 11:08