भारत के लिए 2013 भी मुश्किलों भरा वर्ष होगा: बसु

भारत के लिए 2013 भी मुश्किलों भरा वर्ष होगा: बसु

भारत के लिए 2013 भी मुश्किलों भरा वर्ष होगा: बसुनई दिल्ली : विश्व बैंक के मुख्य अर्थशास्त्री कौशिक बसु ने शनिवार को कहा कि यूरोपीय स्थिति 2014 के अंत तक कठिन बनी रहेगी जिसके कारण आर्थिक वृद्धि के लिहाज से भारत के लिए 2013 भी मुश्किलों वाला वर्ष साबित होगा।

दिल्ली आर्थिक सम्मेलन के दौरान बसु ने कहा,‘भारत के लिए अगला साल भी बेहद कठिन होगा क्योंकि यूरोपीय स्थिति 2014 के अंत या 2015 के शुरुआत तक बेहद कठिन बनी रहेगी।’

उन्होंने कल कहा,‘यूरोप प्रमुख क्षेत्र है, इसीलिए इसका असर भारत पर पड़ना तय है। वृद्धि परिदृश्य कठिन होगा।’ हालांकि,बसु ने कहा कि अगले दो साल में भारत 8 से 9 प्रतिशत आर्थिक वृद्धि दर हासिल कर लेगा। 2008 के वैश्विक आर्थिक संकट से पहले आर्थिक वृद्धि दर इतनी ही थी।

दिसंबर 2009 से जुलाई 2012 के बीच भारत सरकार के मुख्य आर्थिक सलाहकार रहे बसु ने कहा, ‘भारत की बुनियाद मजबूत है और अगर इस दिशा में काम हो तो निश्चित रूप से भारत 8 से 9 प्रतिशत आर्थिक वृद्धि दर हासिल कर सकता है।’

उन्होंने कहा कि वैश्विक माहौल कठिन है, अत: अभी संभव नहीं है कि हम 9 प्रतिशत आर्थिक वृद्धि दर हासिल कर लें..अगर भारत 6 से 7 प्रतिशत आर्थिक वृद्धि दर हासिल कर लेता है तो इसे अच्छा माना जाएगा। विश्व बैंक ने भारत की आर्थिक वृद्धि दर 2012 में 5.5 प्रतिशत रहने का अनुमान जताया है। (एजेंसी)

First Published: Saturday, December 15, 2012, 16:09

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