‘भारत के लिए दोहरे प्रोद्यौगिकी पर मतभेदों का निकाल रहे हल’

‘भारत के लिए दोहरे प्रोद्यौगिकी पर मतभेदों का निकाल रहे हल’

‘भारत के लिए दोहरे प्रोद्यौगिकी पर मतभेदों का निकाल रहे हल’ वाशिंगटन : अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा ने संकेत दिया है कि उनका देश आने वाले समय में दोहरे इस्तेमाल वाली अत्याधुनिक प्रौद्योगिकी भारत को हस्तांतरित कर सकता है। उन्होंने कहा कि इसका समाधान निकालने के लिए रक्षा विभाग काम कर रहा है।

अमेरिकी राष्ट्रपति ने एक भारतीय समाचार एजेंसी को दिए साक्षात्कार में स्वीकार किया कि भारत को इस तरह की प्रौद्योगिकी मुहैया कराने के लाभ हैं।

उन्होंने कहा, हमारे साझा मूल्यों और हितों को देखते हुए मुझे विश्वास है कि हम किसी भी तरह के मतभेद के बावजूद साथ काम करना जारी रख सकते हैं।

ओबामा की ओर से यह भरोसा उस पृष्ठभूमि में आया है, जिसमें दोहरे इस्तेमाल की प्रौद्योगिकी को लेकर दोनों देशों में मतभेद रहा है। इस प्रौद्योगिकी से भारत को वर्षों से उपेक्षित रखा गया है।

दोहरे इस्तेमाल की तकनीक से उपेक्षित रखे जाने के कारण भारत का रक्षा और अंतरिक्ष कार्यक्रम प्रभावित हुआ। अमेरिका के कुछ हलकों में इस तरह की चिंता रही है कि इस तकनीक का इस्तेमाल सैन्य उदेश्यों खासकर परमाणु हथियार विकसित करने के कार्यक्रमों में इस्तेमाल किया जा सकता है।

वर्ष 2010 में ओबामा की भारत यात्रा के बाद अमेरिकी सरकार ने दोहरे इस्तेमाल वाली प्रौद्योगिकी से उपेक्षित रखे जाने वाली संस्थाओं की सूची से भारतीय अंतरिक्ष एवं रक्षा संबंधी नौ संगठनों को बाहर करने की घोषणा की थी। (एजेंसी)



First Published: Monday, July 16, 2012, 19:12

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