Last Updated: Friday, October 12, 2012, 12:20

वाशिंगटन : अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) ने शुक्रवार को कहा कि एशिया के विकास का इंजन कहलाने वाले भारत और चीन में मंदी तथा विकसित अर्थव्यवस्थाओं में सुधार में सुस्ती के कारण इस क्षेत्र का विकास धीमा पड़ गया है।
आईएमएफ ने कहा है कि पूरे एशिया में 2008 के वैश्विक वित्तीय संकट के समय से जीडीपी विकास अपने न्यूनतम स्तर पर पहुंचकर 2012 की प्रथम छमाही में लगभग 5.50 प्रतिशत पर आ गया, फिर भी यह वैश्विक औसत से अभी तक अधिक है।
टोक्यो में विश्व बैंक-आईएमएफ की वार्षिक बैठक के दौरान जारी एशिया व प्रशांत क्षेत्र के आर्थिक परिदृश्य के अक्टूबर के अपडेट में आईएमएफ ने कहा है कि बाहरी विपरीत हवाओं ने एक बड़ी भूमिका निभाई है, क्योंकि विकसित अर्थव्यवस्थाओं में सुधार सुस्त बना रहा है।
आईएएमएफ ने कहा है कि भारत और चीन में कमजोर वृद्धि का भी क्षेत्रीय अर्थव्यवस्था पर असर पड़ा है। आईएमएफ ने कहा है कि जहां तक भारत का सवाल है, वहां कमजोर निवेशक भावना आपूर्ति की समस्या खड़ी कर रही है, जिसके कारण मंदी को बल मिला है। चीन में यह स्थिति मांग में कमी के कारण बनी है।
आईएमएफ ने कहा है कि एशिया के विकास में 2012 के उत्तरार्ध में गति आने की संभावना नहीं है, जैसा कि अप्रैल 2012 के क्षेत्रीय परिदृश्य में उम्मीद की गई थी। ऐसा औद्योगिक एशिया, एशिया की विशाल उभरती अर्थव्यवस्थाओं और छोटी निर्यात आश्रित अर्थव्यवस्थाओं में प्रभावित करने वाली व्यापक गतिविधियों के संकेतकों की स्थिति में हाल में आई गिरावट के कारण होने वाला है। (एजेंसी)
First Published: Friday, October 12, 2012, 12:20