Last Updated: Saturday, March 31, 2012, 08:31
नई दिल्ली : अधिक वाणिज्यिक उधारी, ईसीबी जुटाए जाने और अल्पकालिक व्यापार ऋण के चलते दिसंबर, 2011 तक भारत का विदेशी ऋण 9.4 प्रतिशत तक बढ़कर 334.9 अरब डॉलर पर पहुंच गया जो पिछले साल मार्च अंत तक 306.1 अरब डॉलर पर था।
वित्त मंत्रालय की एक विज्ञप्ति के अनुसार , दिसंबर, 2011 अंत तक भारत का कुल बाह्य ऋण 9.4 प्रतिशत तक 28.8 अरब डॉलर बढ़कर 334.9 अरब डॉलर पर पहुंच गया जो मार्च, 2011 के अंत में 306.1 अरब डॉलर था। मंत्रालय ने कहा, ‘विदेशी ऋण में यह बढ़ोतरी मुख्यतौर पर उच्च वाणिज्यिक उधारी और अल्पकालिक व्यापार ऋण के चलते हुई।’ (एजेंसी)
First Published: Saturday, March 31, 2012, 14:12