Last Updated: Wednesday, September 19, 2012, 16:28
नई दिल्ली: एशिया-प्रशांत क्षेत्र में पिछले साल पहली बार अरबपतियों की तादाद किसी भी अन्य क्षेत्र के मुकाबले बढ़ गई लेकिन आर्थिक नरमी के बीच भारत की अति धनाढ्य आबादी में 18 फीसद गिरावट आई है।
एशिया-प्रशांत क्षेत्र में 2011 के दौरान किसी भी अन्य क्षेत्र के मुकाबले बड़े अमीरों - जिनके पास 10 लाख डालर या इससे ज्यादा निवेश योग्य संपत्ति है - की संख्या अधिक रही लेकिन उनकी कुल संपत्ति आंशिक तौर पर घटी। यह बात कैपजेमिनी और आरबीसी वेल्थ मैनेजमेंट रपट में कही गई।
एशिया-प्रशांत क्षेत्र में अरपतियों की संख्या 33.7 लाख रही जो पहली बार उत्तरी अमेरिकी के स्तर को और लगातार दूसरी बार यूरोप के अमीरों की संख्या के स्तर को पार कर गई।
इस रपट में 10 प्रमुख बाजारों - आस्ट्रेलिया, चीन, हांगकांग, इंडिया, इंडोनेशिया, जापान सिंगापुर, दक्षिण कोरिया, थाइलैंड ओर ताईवान पर ध्यान केंद्रित किया गया है।
इसके पिछले दो साल में भारत और हांग कांग ने वृद्धि का नेतृत्व किया।
रपट में कहा गया ‘‘शेयर बाजार में गिरावट हुई और आशंका से अधिक आर्थिक नरमी के कारण 10 लाख डालर से ज्यादा की निवेशयोग्य परिसंपत्ति वाले व्यक्तियों की तादाद घट गई है।’’ (एजेंसी)
First Published: Wednesday, September 19, 2012, 16:28