भारत में तेजी से गरीबी कम करने के लिए उच्च वृद्धि की जरूरत: मोंटेक

भारत में तेजी से गरीबी कम करने के लिए उच्च वृद्धि की जरूरत: मोंटेक

भारत में तेजी से गरीबी कम करने के लिए उच्च वृद्धि की जरूरत: मोंटेकनई दिल्ली : योजना आयोग के उपाध्यक्ष मोंटेक सिंह अहलूवालिया ने आज कहा कि आर्थिक वृद्धि की चाल तेज नहीं हुई तो देश में गरीबी कम होने की रफ्तार धीमी पड़ जायेगी। अहलूवालिया ने यहां एक चर्चा में कहा ‘‘यदि आप सकल घरेलू उत्पाद की वृद्धि दर को उच्च वृद्धि के रास्ते पर नहीं लाते तो गरीबी घटाने की रफ्तार कम होगी।’’ उन्होंने कहा कि चालू वित्त वर्ष की पहली छमाही के दौरान सकल घरेलू उत्पाद की वृद्धि दर 5.4 फीसद रही और यही हाल रहा तो चालू वित्त वर्ष में हमारा प्रदर्शन बहुत खराब होगा। यह दर वित्त वर्ष 2011-12 की अप्रैल से सितंबर अवधि में रही 7.3 फीसद की वृद्धि से काफी नीचे है।

योजना आयोग के आकलन के मुताबिक 2004 तक 10 साल के दौरान गरीबी कम होने की रफ्तार औसतन 0.8 फीसद सालाना रही। इसके बाद 2011 तक इसकी रफ्तार बढ़कर सालाना दो फीसद तक हो गई थी।

उन्होंने कहा ‘‘यदि आप पिछले सात साल 2004-2011 पर नजर डालें तो गरीबी रेखा से नीचे रहने वाले लोगों की संख्या सालाना दो फीसद की दर से घटी। 2004-05 से पहले पिछले 10 साल में गरीबी घटने की दर 0.8 फीसद थी।’’
अहलूवालिया के मुताबिक उच्च वृद्धि दर के कारण 2007 से 2012 के दौरान 11वीं पंचवर्षीय योजना में वास्तविक मजदूरी में जोरदार बढ़ोतरी हुई।

उन्होंने कहा ‘‘2007 से बाद के दौर में वास्तविक मजदूरी पहले की अपेक्षा चार गुनी तेजी से बढ़ी। यह कहना सही नहीं है कि उच्च वृद्धि के कारण किसी को भी फायदा नहीं हुआ।’’ उन्होंने कहा कि पिछले साल में सरकार ने अच्छा काम किया क्योंकि सकल घरेलू उत्पाद की वृद्धि दर में बढ़ोतरी के कारण गरीबी घटने की रफ्तार तेज थी।
योजना आयोग के उपाध्यक्ष ने कहा कि भारत में समावेशी वृद्धि तभी संभव होगी जबकि लोगों की आय अधिक होगी और इससे उन्हें सामाजिक न्याय मिलेगा। उन्होंने लोगों का कौशल बढ़ाने की जरूरत पर बल दिया ताकि उन्हें ग्रामीण इलाकों में गैर कृषि क्षेत्र में ज्यादा वेतन वाली नौकरी मिल सके।

वर्ष 2008 के आर्थिक संकट से पहले नौ प्रतिशत की उच्च आर्थिक वृद्धि हासिल करने के बाद अर्थव्यवस्था की वृद्धि 2011.12 में 6.5 प्रतिशत रह गई। चालू वित्त वर्ष के दौरान इसके और घटने की आशंका व्यक्त की जा रही है। 2012.13 की दूसरी तिमाही में आर्थिक वृद्धि 5.3 प्रतिशत रही जबकि पहली तिमाही में यह 5.5 प्रतिशत रही थी। (एजेंसी)

First Published: Sunday, December 2, 2012, 00:07

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