Last Updated: Thursday, January 5, 2012, 10:23
नई दिल्ली : भारत ने गुरुवार को कहा कि सउदी अरब के सहयोग से बनने वाले प्रस्तावित 75 करोड़ डालर के संयुक्त कोष का इस्तेमाल आधारभूत परियोजनाओं के विकास विकास और हाइड्रोकार्बन क्षेत्र में नई खोज एवं उत्पादन में किया जाना चाहिए।
सउदी अरब के उच्चस्तरीय प्रतिनिधिमंडल को यहां संबोधित करते हुए वित्त मंत्री प्रणब मुखर्जी ने कहा कि 75 करोड़ डालर के प्रस्तावित भारत-सउदी अरब निवेश कोष की स्थापना संयुक्त रूप से सार्वजनिक निवेश कोष, सउदी अरब और इसके समकक्ष भारतीय एजेंसी के जरिए की जाएगी। कोष को उच्च प्राथमिकता मिलनी चाहिए क्योंकि यह दोनों पक्षों के फायदे के लिए होगा। उन्होंने कहा कि हाइड्रोकार्बन क्षेत्र पर बनने वाले संयुक्त कार्यबल को क्षेत्र में दोनों के लिए लाभकारी दिशा में पहल करनी चाहिए। उन्होंने कहा कि तेल आधारित उत्पादों के अलावा सेवा और दूसरे क्षेत्रों में व्यापार को बढ़ाने की जरूरत है।
उन्होंने कहा कि हमारे द्विपक्षीय व्यापार में गैर-तेल उत्पादों को शामिल करने के व्यापक अवसर हैं। हमें व्यापार में शामिल वस्तुओं के विस्तार के लिए संगठित कोशिश करने की जरूरत है। निवेश और संयुक्त उद्यम क्षेत्र में प्रवेश करना भी महत्वपूर्ण है। सेवा क्षेत्र में भी व्यापार बढ़ाने के व्यापक अवसर मौजूद हैं। उन्होंने कहा कि तीव्र गति से बढ़ रही भारतीय अर्थव्यवस्था की गति बनाए रखने के लिए कच्चे तेल की जरूरत बढ़ रही है। ऊर्जा जरूरतों को पूरा करने के लिए भारत को सउदी अरब के सहयोग की जरूरत है।
(एजेंसी)
First Published: Thursday, January 5, 2012, 16:53