Last Updated: Thursday, May 2, 2013, 16:58
ग्रेटर नोएडा : भारतीय दकियानूस और ताकझांक करने वाले होते हैं और उनके बीच महिलाओं से अपेक्षा की जाती है कि वे शालीन कपड़े पहनें ताकि यौन उत्पीड़न से बचा जा सके। यह सलाह एडीबी ने भारत की यात्रा करने वाले अपने प्रतिनिधियों को दी।
यह विस्तृत सलाह ऐसे समय में आई है जबकि देश में कई जगहों पर महिलाओं के साथ बलात्कार की वीभत्स घटनाओं की खबरें आई हैं। इस दौरान कुछ विदेशियों के साथ भी ऐसी वारदात हुईं। एशियाई विकास बैंक (एडीबी) का सम्मेलन दिल्ली के समीप ग्रेटर नोएडा में 4-5 मई को होने जा रहा है जिसमें बड़ी संख्या में विदेशी प्रतिनिधि भी आ रहे हैं। इस सम्मेलन में आमंत्रित आगंतुकों के लिए आवश्यक यात्रा-परामर्श में कहा गया है कि भारत में सार्वजनिक स्थानों पर प्रेम का प्रदर्शन नहीं किया जाना चाहिए। इसमें कहा गया है, ‘भारत में चुम्बन और आलिंगन को कामक्रीड़ा का हिस्सा माना जाता है। ऐसा सार्वजनिक तौर पर न करें।’ इसमें यह भी सलाह दी गई है कि भारत में स्त्री पुरुष का हाथ में हाथ लेकर घूमना भी अच्छा नहीं माना जाता है।
परामर्श के मुताबिक, ‘महिलाओं से उम्मीद की जाती है कि वह ढक ओढ़ कर रहें। टांग और कंधे ढके रखें। ट्राउजर्स पहनना ठीक है लेकिन शार्ट्स और छोटे स्कर्ट से बहुत लोगों को आपत्ति होती है। पुरुष सार्वजनिक तौर पर हमेशा शर्ट पहनें और समुद्री रेत पर सैलानियों द्वारा पहने जाने वाले छोटे कपड़े न पहने। एडीबी ने कहा, ‘भारतीयों के लिए यह समझना मुश्किल है कि काई अमीर गोरा (पश्चिमी) साहिब फटे-पुराने कपड़ों में क्यों घूमता है या भारतीय समाज के सबसे निचले फटेहाल आदमी की नकल क्यों करता है।’
एडीबी की वेबसाइट पर जारी ‘सामान्य सूचना’ में कहा गया है, ‘शालीन ढंग से सजना, संवरना और इज्जतदार कपड़े पहनने से स्थानीय लोगों के मन में आपकी छवि बेहतर होती है और यौन उत्पीड़न का खतरा भी कम होता है।’ एडीबी के निदेशक मंडल की 46वीं सालाना बैठक में 60 से अधिक देशों के 4,400 प्रतिनिधि हिस्सा लेंगे। मुख्य समारोह से पूर्व दो दिन की संगोष्ठी चलेगी जिसमें एशिया और प्रशांत क्षेत्र के उच्चाधिकारी और उद्योगपति इस क्षेत्र की सतत वृद्धि और विकास सबंधी कई मुद्दों पर चर्चा करेंगे।
एडीबी ने सलाह दी है कि खाने पीने के दौरान ऐसा न करें कि दूसरों का खाना जूठा हो। ऐसा करना वर्जित माना जाता है। बैंक ने सलाह दी है, ‘दूसरे के कप या बोतल से पानी पीते हुए होंठ से न लगाए बल्कि सीधे अपने मुंह में डालें। इस रिवाज से आप हैपेटाइटिस जैसी चीजों से बच सकते हैं।’ परामर्श में कहा गया कि भारतीय आम तौर पर दूसरों के बारे में ज्यादा से ज्यादा जानना चाहते हैं और वे परिवार, नौकरी, यहां तक कि आय को निजी स्तर पर रखी जाने वाली सूचना नहीं मानते। एडीबी ने कहा, ‘यहां इन चीजों के बारे में पूछना बिल्कुल सामान्य बात समझी जाती है। दूसरे के बारे में जिज्ञासु होना भारत में पश्चिमी देशों की तरह दूसरे के काम में टांग अड़ाना नहीं माना जाता है।’ (एजेंसी)
First Published: Thursday, May 2, 2013, 16:58