Last Updated: Sunday, September 4, 2011, 11:43
एजेंसी. डामाडोल चल रही भारत में रेल सेवा सुधार के लिए एशियन डेवलपमेंट बैंक, एडीबी ने माल ढुलाई तथा यात्री मार्गों के लिए भारत सरकार को 50 करोड़ डालर का ऋण मंजूर किया है.
यह ऋण कई किस्तों में दी जाएगी. एडीबी ने बयान में कहा कि एशियाई विकास बैंक रेल सेवाओं में सुधार के लिए भारत को 50 करोड़ डालर तक का ऋण दे रहा है. एडीबी निदेशक मंडल ने रेलवे सेक्टर इनवेस्टमेंट प्रोग्राम (आरएसआईपी) के लिए वित्तीय सुविधा के तहत इसे मंजूरी दी है.
नई सिग्नल व्यवस्था, अतिरिक्त रेल लाइन बिछाने तथा सैकड़ों किलोमीटर ट्रैक का विद्युतीकरण किए जाने के मकसद से यह कर्ज दिया जा रहा है. एडीबी भारतीय रेलवे के परिचालन दक्षता में सुधार के लिए एकाउंटिंग रिफार्म में भी मदद करेगा.
इसमें स्वर्णित चतुर्भुज गलियारा शामिल है जो चेन्नई, कोलकाता, मुंबई तथा नई दिल्ली को जोड़ेगा. आरएसआईपी के तहत छत्तीसगढ़, उड़ीसा, महाराष्ट्र, कर्नाटक तथा आंध्र प्रदेश के माल ढुलाई तथा यात्री मार्गों में सुधार किया जाना है.
कर्ज 25 साल की अवधी के लिए दिया जा रहा है. अधिकतम पांच साल की वृद्धि की जा सकती है. कार्यक्रम पर 1.1 अरब डालर का खर्च आने का अनुमान है. जिसमें भारत सरकार 64.4 करोड़ डालर से अधिक राशि उपलब्ध कराएगी.
एडीबी के मुख्य परिवहन विशेषज्ञ हिरोकी यामागुची ने कहा, परियोजना ऊर्जा उपयोगी, सुरक्षित, विश्वसनीय तथा पर्यावरण अनुकूल रेल सेवा उपलब्ध कराने में मदद करेगी. उन्होंने कहा कि इससे प्रत्यक्ष एवं अप्रत्यक्ष रूप से करीब 2.1 करोड़ लोग लाभान्वित होंगे. यह लाभ तीव्र यात्रा, कम लागत, तथा बाजार उत्पादन केंद्र से बेहतर जुड़ाव के जरिये मिलेगा.
वित्त वर्ष 2010-11 में भारतीय रेल से 7 अरब यात्रियों ने यात्रा की तथा 80 करोड़ टन माल ढुलाई की गई.
First Published: Sunday, September 4, 2011, 18:13