Last Updated: Monday, January 16, 2012, 07:35
नई दिल्ली: खाद्य वस्तुओं की कीमतों में नरमी के रुख के बीच दिसंबर, 2011 में सकल मुद्रास्फीति घटकर दो साल के न्यूनतम स्तर 7.47 प्रतिशत पर आ गई।
थोक मूल्य सूचकांक पर आधारित सकल मुद्रास्फीति नवंबर, 2011 में 9.11 प्रतिशत थी, जबकि 2010 की समान अवधि में यह 9.45 प्रतिशत थी। मुद्रास्फीति में नरमी आने से रिजर्व बैंक आगामी मौद्रिक समीक्षा में नीतिगत दरें घटा सकता है।
आज जारी किए गए आधिकारिक आंकड़ों के मुताबिक, समीक्षाधीन माह में वाषिर्क आधार पर सब्जियों की कीमतें 34.18 प्रतिशत घटीं, जबकि गेहूं के दाम में 3.81 प्रतिशत की गिरावट दर्ज की गई। वहीं आलू और प्याज क्रमश: 35.45 प्रतिशत और 60.45 प्रतिशत सस्ता हुआ।
दिसंबर में खाद्य वस्तुओं की कीमतों में वृद्धि दर 0.74 प्रतिशत रही जो इससे पिछले महीने 8.45 प्रतिशत थी। थोक मूल्य सूचकांक में खाद्य वस्तुओं का योगदान 14.3 प्रतिशत है और विशेषज्ञों ने सकल मुद्रास्फीति में गिरावट का श्रेय खाद्य वस्तुओं की कीमतों में नरमी को दिया।
इस दौरान, गैर.खाद्य प्राथमिक वस्तुओं की मुद्रास्फीति दर भी घटकर 1.48 प्रतिशत पर आ गई जो नवंबर, 2011 में 3.22 प्रतिशत थी। हालांकि, विनिर्मित वस्तुओं में मुद्रास्फीति का दबाव बना रहा। थोक मूल्य सूचकांक में इसका करीब 65 प्रतिशत योगदान है। समीक्षाधीन माह में विनिर्मित उत्पादों के दाम 7.41 प्रतिशत बढ़े।
(एजेंसी)
First Published: Monday, January 16, 2012, 15:00