Last Updated: Wednesday, June 13, 2012, 09:18

ज़ी न्यूज ब्यूरो
नई दिल्ली: तेल एवं प्राकृतिक गैस मंत्री जयपाल रेड्डी ने केंद्रीय वित्त मंत्री प्रणव मुखर्जी को पत्र लिखकर डीजल कार पर उत्पाद शुल्क बढ़ाये जाने की मांग की है। रेड्डी ने मुखर्जी को पिछले सप्ताह पत्र लिखकर कहा है कि सब्सिडी पर बेचा जाने वाला डीजल वाहनों में इस्तेमाल हो रहा है। पेट्रोल और डीजल की कीमत में 30.25 रुपए के भारी अंतर की वजह से उपभोक्ताओं का रुझान पेट्रोल से चलनेवाली कार की बजाय डीजल से चलने वाली कारों की तरफ बढ़ रहा है।
मई महीने के दौरान पिछले सात महीने में पेट्रोल कारों की मांग में सबसे कम महज तीन प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई है। दिल्ली में एक लीटर डीजल का दाम 40.91 रुपए है जबकि पेट्रोल की हाल में तीन रुपए घटाये जाने के बावजूद 71.16 रुपए है। इसके अलावा दोनों ईंधनों में लगने वाले उत्पाद शुल्क में भारी अंतर है। पेट्रोल पर जहां 14.78 रुपए प्रति लीटर का उत्पाद शुल्क लगता है जबकि डीजल पर यह महज 2.06 रुपए प्रति लीटर है।
पेट्रोल और डीजल से चलने वाली चार मीटर से ज्यादा लंबी और 1,200 सीसी व 1,500 सीसी से ज्यादा की ईंजन क्षमता वाली कारों पर क्रमश: 27 फीसद का मूल्यानुसार कर और 15,000 रुपए का तय शुल्क लगता है।
पेट्रोलियम एवं प्राकृतिक गैस मंत्रालय ने वित्त मंत्रालय को सौंपे अपने बजट प्रस्ताव में डीजल कारों पर अतिरिक्त उत्पाद शुल्क लगाने का सुझाव दिया था ताकि निजी कार पर सब्सिडी वाले डीजल की खपत हतोत्साहित हो सके।
देश में डीजल की खपत सबसे अधिक होती है लेकिन इसे रियायती मूल्य पर बेचा जाता है। बड़ी गाड़ियां और एसयूवी भी डीजल से चलती हैं। साथ ही माल और दूरसंचार टावरों के जेनरेटर भी डीजल से ही चलते हैं।
First Published: Wednesday, June 13, 2012, 09:18