Last Updated: Thursday, August 30, 2012, 14:10

नई दिल्ली : प्रधानमंत्री की आर्थिक सलाहकार परिषद के अध्यक्ष सी. रंगराजन ने सूक्ष्म वित्तीय संस्थानों (माइक्रोफाइनेंस) को अपने कारोबारी नमूने में सुधार करने की सीख देते हुये कहा है कि उन्हें एक जिम्मेदार रिणदाता बनना चाहिए। सूक्ष्म वित्त संस्थानों द्वारा कर्ज वसूली के लिए जोर जबर्दस्ती किए जाने के आरोप सामने आने के संदर्भ में रंगराजन ने यह सलाह दी।
कल ‘दैनिक भास्कर फाइनेंशियल इंक्लूजन कान्क्लेव’ को संबोधित करते हुये रंगराजन ने कहा कि लघु वित्त संस्थान ऊंचा ब्याज लेने वाले महाजनों का मजबूत विकल्प बनकर उभर रहे हैं, लेकिन अपनी पुरानी स्थिति को तभी हासिल कर सकते हैं जब वे अपने कारोबारी मॉडल में सुधार लायेंगे और जिम्मेदार रिणदाता बनेंगे।’’ सूक्ष्म वित्तीय उद्योग की कार्यशैली की आलोचना करते हुये उन्होंने कहा, ‘कर्ज वसूली के लिये जोर जबर्दस्ती के तरीके अपनाने से काफी नाराजगी बढ़ी है। इसके साथ ही सूक्ष्म वित्तीय उद्योग में कई बड़ी कंपनियों द्वारा अपनाई गये गलत कारोबारी मॉडल से भी उद्योग को नुकसान हुआ।’
रंगराजन ने कहा कि उधार लेने वालों की भुगतान क्षमता को देखते हुये कर्ज की कुल लागत को एक स्तर पर बनाये रखने की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि कमाई की गतिविधियों को देखते हुये रिण का पुनर्गठन किया जाना चाहिए। रंगराजन ने इस अवसर पर ग्रामीण क्षेत्रों के ग्राहकों के लिये बेंकों की तरफ से नये वित्तीय उत्पाद और सरल प्रक्रिया की शुरुआत पर भी जोर दिया। (एजेंसी)
First Published: Thursday, August 30, 2012, 14:10