Last Updated: Monday, September 2, 2013, 22:54
मुंबई : किंगफिशर एयरलाइंस के चेयरमैन विजय माल्या ने विमानन कंपनी को गर्त में पहुंचाने का ठीकरा इंजन आपूर्तिकर्ताओं, कर्मचारियों, बैंकों व कर अधिकारियों सहित लगभग सभी पर फोड़ा है। कंपनी पिछले साल अक्तूबर से ही संकटग्रस्त है।
कंपनी की वाषिर्क रिपोर्ट (2012-13) में उन्होंने इस बात का भी उल्लेख किया है कि कंपनी एक ‘संभावित निवेशक’ के साथ बातचीत कर रही है।
किंगफिशर एयरलाइंस की मूल कंपनी यूनाइटेड ब्रिवरीज (होल्डिंग्स)ने बेंगलूर की एक अदालत में इंटरनेशनल एयरो इंजिन्स एजी के खिलाफ 1,477 करोड़ रुपये के नुकसान का दावा किया है। एयरो इंजिन्स पर कथित तौर से खराब इंजनों की आपूर्ति का आरोप है।
यह रिपोर्ट 24 सितंबर को होने वाली वार्षिक आम बैठक से पहले शेयरधारकों को भेजी गयी है। रिपोर्ट में कहा गया है, ‘मुश्किल परिचालन माहौल एवं इंजन में समस्याओं को देखते हुए आपकी एयरलाइन का परिचालन व वित्त बुरी तरह प्रभावित हुआ।’
कर अधिकारियों की प्रतिरोधी कार्रवाई से किंगफिशर एयरलाइंस अपने लेनदारों को भुगतान करने में विफल रही और कंपनी द्वारा कर्मचारियों के वेतन भुगतान में विलंब हुआ। कर अधिकारियों ने विमानन कंपनी के खाते कुर्क कर दिए थे।
वाषिर्क रिपोर्ट के मुताबिक, कंपनी के कर्मचारियों द्वारा समय समय पर काम से अनुपस्थिति (हड़ताल) से कंपनी के लिए समय पर परिचालन करना असंभव हो गया जिससे परिचालन को ठप करना पड़ा।
कंपनी की बहाली योजना लेनदारों के साथ साझा की गई। हालांकि, बहाली के प्रयासों को आमतौर पर समर्थन नहीं मिला जिससे कंपनी के लिए राह कठिन होती गई। (एजेंसी)
First Published: Monday, September 2, 2013, 22:54