मुद्रास्फीति पर नियंत्रण मुख्य चुनौती बनी रहेगी: सुब्बाराव

मुद्रास्फीति पर नियंत्रण मुख्य चुनौती बनी रहेगी: सुब्बाराव

मुद्रास्फीति पर नियंत्रण मुख्य चुनौती बनी रहेगी: सुब्बारावमुंबई : रिजर्व बैंक गवर्नर डी. सुब्बाराव ने मंगलवार को यहां अनुसूचित वाणिज्यिक बैंकों के प्रमुखों के साथ बैठक के बाद दूसरी तिमाही की मौद्रिक समीक्षा जारी करते हुए कहा कि आर्थिक वृद्धि में नरमी के बावजूद केंद्रीय बैंक के समक्ष मुद्रास्फीति पर नियंत्रण मुख्य चुनौती बनी रहेगी।

नीतिगत ब्याज दरों में कोई बदलाव नहीं होने से शेयर बाजार में तीखी प्रतिक्रिया हुई। गवर्नर ने कहा कि सीआरआर कटौती से बैंकिंग तंत्र में 17,500 करोड़ रुपये की नकदी बढ़ेगी। उन्होंने सरकार के सुधारों को बढ़ाने की दिशा में उठाए कदमों का स्वागत करते हुए कहा कि इससे मध्यम अवधि में मुद्रास्फीतिक धारणाओं पर अंकुश लगाने में मदद मिलेगी। केन्द्रीय बैंक ने वैश्विक और घरलू अर्थव्यवस्थाओं के आकलन के बाद आर्थिक वृद्धि का अनुमान भी 6.5 प्रतिशत से घटाकर 5.8 प्रतिशत कर दिया।

दूसरी तरफ मुद्रास्फीति के अनुमान को सात प्रतिशत से बढ़ाकर 7.5 प्रतिशत कर दिया। वित्त वर्ष की शुरुआत के बाद यह दूसरा मौका है जब बैंक ने आर्थिक वृद्धि का अनुमान घटाया है और मुद्रास्फीति का बढ़ाया है। सुब्बाराव ने कहा कि महंगाई की अवधारणा को व्यवस्थित स्तर पर रखना मौद्रिक नीति की प्राथमिकता बनी रहेगी। उन्होंने कहा कि आर्थिक वृद्धि में गिरावट के बावजूद लगातार उंची मुद्रास्फीति अहम चुनौती बनी हुई है।

वित्त मंत्री पी. चिदंबरम द्वारा कल राजकोषीय मजबूती के लिये पांच साल की योजना का खाका पेश किये जाने के बाद यह माना जा रहा था कि रिजर्व बैंक गवर्नर भी सरकार के साथ कदमताल मिलाते हुए प्रमुख नीतिगत दरों में कटौती कर सकते हैं। सुब्बाराव ने भविष्य में ब्याज दरों में कटौती का संकेत देते हुये कहा कि जैसे ही सरकारी प्रयासों के परिणाम सामने आते हैं रिजर्व बैंक के लिये ब्याज दरों में ढील देने में आसानी होगी। जैसे जैसे मुद्रास्फीति में गिरावट आयेगी वृद्धि के समक्ष खड़े जोखिम कम करने का अवसर मिलेगा। इससे अर्थव्यवस्था को तीव्र वृद्धि के रास्ते पर आगे ले जाया जा सकेगा।

रिजर्व बैंक ने समीक्षा में बैंकिंग नियमन के क्षेत्र में भी कुछ बदलाव किए हैं। मानक पुनर्गठित परिसंपत्तियों के मामले में प्रावधान की शर्त को पहले के दो प्रतिशत से बढ़ाकर तुरंत प्रभाव से 2.75 प्रतिशत कर दिया गया है। केन्द्रीय बैंक के इस कदम से उन बैंकों पर असर होगा जिन्हें भारी तादाद में पुराने कर्ज का पुनर्गठन करना पड़ रहा है। आर्थिक दबाव के चलते कई क्षेत्र समय पर रिण लौटाने की स्थिति में नहीं है। ऐसे में बेंक उनके कर्ज का पुनर्गठन कर रहे हैं। बैंकों की इसके लिये आलोचना भी हो रही है और कहा जा रहा है कि ऐसे कर्ज को गैर.निष्पादित राशि (एनपीए) दिखाने से बचने के लिये बैंक ऐसा कर रहे हैं।

मौद्रिक समीक्षा में नए बैंकों को लाइसेंस देने के बारे में भी कुछ नहीं कहा गया है। हालांकि, यह जरुर कहा गया है कि नये शहरी सहकारी बैंकों के मामले में प्रयास तेज किए जाएंगे। समीक्षा में प्राथमिक क्षेत्र के नियमों में भी कुछ बदलाव किये गये हैं। इसके अलावा बैंकों के कर्ज पुनर्गठन, गैर निष्पादित परिसंपत्तियों के प्रबंधन, रिण सूचना कंपनियों को अग्रिम के बारे में समय पर जानकारी देने की दिशा में भी कदम उठाये गये हैं।

रिजर्व बैंक ने यह भी कहा है कि नये खाते खोलने के लिये अपने ग्राहक को जानिये (केवाईसी) नियमों को जल्द ही सरल बनाया जाएगा। घरेलू बैंकों के लये पहली श्रेणी के शहरों में प्रशासनिक कार्यालय खोलने को भी उदार किया जाएगा। कर्ज सस्ता किए जाने की उम्मीदों पर पानी फेरते हुए भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने अपनी नीतिगत ब्याज दरों को मौजूदा स्तर पर बनाए रखा है पर बैंकों पर आरक्षित अनुपात के रुप में रखी जाने वाली नकदी पर चौथाई फीसद की ढील दे कर मुद्रास्फीति और आर्थिक वृद्धि के बीच संतुलन कायम करने का प्रयास किया है।

मौद्रिक एवं रिण नीति की दूसरी तिमाही समीक्षा में नकद आरक्षित अनुपात (सीआरआर) में 0.25 प्रतिशत की कमी किए जाने से बैंकों के पास कर्ज देने के लिए 17,500 करोड़ रुपये की अतिरिक्त राशि उपलब्ध होगी। आज की कटौती के बाद सीआरआर घट कर 4.25 प्रतिशत पर आ गया है। रिजर्व बैंक ने रेपो और रिवर्स रेपो दरों में कोई बदलाव नहीं किया है। ये दरें क्रमश: आठ और सात प्रतिशत पर बनी रहेगी। रेपो और रिवर्स रेपो नकदी संतुलन व्यवस्था के तहत वे ब्याज दरें हैं,जिस पर रिजर्व बैंक वाणिज्यिक बैंकों को क्रमश: अल्पकालिक नकदी उपलब्ध कराता है या उनसे नकदी उधार लेता है। इससे पहले 17 सितंबर को मध्य तिमाही समीक्षा में भी सीआरआर में चौथाई फीसद कटौती की गई थी। नया सीआरआर तीन नवंबर से प्रभावी होगा। (एजेंसी)

First Published: Tuesday, October 30, 2012, 14:14

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