Last Updated: Wednesday, November 9, 2011, 08:07
नई दिल्ली : वैश्विक रेटिंग एजेन्सी मूडीज ने आर्थिक मंदी के संकेतों के बीच भारतीय बैंकिंग प्रणाली का परिदृश्य ‘स्थायी’ से घटाकर आज ऋणात्मक कर दिया।
मूडीज के उपाध्यक्ष एवं वरिष्ठ विश्लेषक विनीत गुप्ता ने कहा, ‘सख्त माहौल को देखते हुए परिसंपत्ति की गुणवत्ता घटने के साथ हमारा अनुमान है कि अगले एक से डेढ़ साल में बैंकिंग तंत्र की स्थिति खराब होगी जिससे 2012 और 2013 में बैंकों को प्रावधान बढ़ाने की जरूरत पड़ेगी।’
मूडीज के मुताबिक, ‘ऋणात्मक’ परिदृश्य ऐसा परिदृश्य है जो उतार-चढ़ाव एवं अनिश्चितताओं से भरा है।
हालांकि, रेटिंग एजेन्सी ने सकारात्मक पहलू पर कहा कि भारतीय बैंकों की स्थायी ग्राहक जमाएं और उनके पास मौजूदा सरकारी प्रतिभूतियों के उच्च स्तर से उन्हें झटका सहने में मदद मिलेगी।
पिछले पांच वर्षों में भारत की आर्थिक वृद्धि दर औसतन 8.4 प्रतिशत रही। लेकिन उच्च मुद्रास्फीति, मौद्रिक नीति सख्त किए जाने और बढ़ती ब्याज दरों से वृद्धि दर पर दबाव बना हुआ है। गुप्ता ने कहा कि भारत की आर्थिक वृद्धि दर में नरमी आ रही है और साथ ही अमेरिका एवं यूरोप में सुधार बरकरार रहने को लेकर चिंताएं पैदा हुई हैं। भारत सरकार का उधारी कार्यक्रम बढ़ने से निजी ऋण बाजार में धन की कमी हो सकती है।
(एजेंसी)
First Published: Wednesday, November 9, 2011, 13:37