Last Updated: Monday, August 27, 2012, 23:32

नई दिल्ली : कोयला मंत्री श्रीप्रकाश जायसवाल ने सोमवार को कहा कि उनके कार्यकाल के दौरान किसी कोयला खान का आवंटन नहीं किया गया। उन्होंने कहा कि उनके कार्यकाल में सिर्फ उन कंपनियों को आवंटन पत्र जारी हुए जिन्हें कोयला खानें देने का निर्णय संप्रग सरकार के पहले कार्यकाल में ही किया जा चुका था।
उन्होंने कहा, मैंने बार-बार कहा है कि संप्रग सरकार के पहले कार्यकाल के दौरान जिन कोयला खानों का आवंटन हुआ था उसके अलावा कोई आवंटन नहीं हुआ है। यदि कोई सांसद ऐसा कोई बयान दे रहा है तो सांसद मीडिया और देश दोनों को गुमराह कर रहा है।
आनन-फाननमें बुलाए गए एक संवाददाता सम्मेलन में जायसवाल ने भाजपा सांसद हंसराज अहीर के एक इस आरोप को भी खारिज किया कि उन्होंने तीन निजी कंपनियों - एसकेएस इस्पात एंड पावर, सीजीस्पांज मैन्यूफैक्चर्स कंसोर्टियम कोलफील्ड और एपीआई इस्पात एंड पावरटेक - को कोयला खानें के आवंटन को मंजूरी दी।
उन्होंने कहा, इस मामले में जिन नामों का उल्लेख किया गया है उनमें सिर्फ दो कोयला खानें है। उन्हें पहले ही (संप्रग के पहले कार्यकाल में) मंजूरी दी जा चुकी थी लेकिन आम चुनाव की घोषणा के कारण आवंटन पत्र जारी नहीं हुए थे। संप्रग की सत्ता में वापसी के बाद ये आवंटन पत्र जारी किए गए।
उन्होंने कहा, 35 खानें तो भूल जाइए। संप्रग के दूसरे कार्यकाल में 0.35 कोयला खानों का भी आवंटन नहीं हुआ है। आप हमारे दफ्तर आ सकते हैं और पता कर सकते हैं कि यह बेबुनियाद आरोप है।
अहिर ने कथित तौर पर कहा था कि जायसवाल ने 2011 के आखिर में बिना आवंटन के नियमों का पालन किए तीन निजी कंपनियों को कोयला खानों का आवंटन किया गया था जबकि आवंटन के जुड़े नियम 2010 से प्रभावी हैं।
जायसवाल ने विपक्ष विशेष तौर पर भाजपा से आग्रह किया कि प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह द्वारा आज बयान देने के बाद अब संसद की प्रक्रिया चलने दें। (एजेंसी)
First Published: Monday, August 27, 2012, 17:20