Last Updated: Sunday, January 22, 2012, 15:12
नई दिल्ली : रिजर्व बैंक मंगलवार को पेश होने वाली ऋण एवं मौद्रिक नीति समीक्षा में घरेलू कंपनियों की ब्याज दरों में कमी की मांग को नजरंदाज करते हुए नीतिगत दरों को ज्यों का त्यों रख सकता है। विनिर्मित वस्तुओं के वर्ग में उंची मुद्रास्फीति को देखते हुये केन्द्रीय बैंक यथास्थिति बनाये रख सकता है।
भारतीय स्टेट बैंक के चेयरमैन प्रतीप चौधरी ने कहा, ‘मुझे नहीं लगता कि आगामी मौद्रिक नीति समीक्षा में ब्याज दरों में कोई कटौती होगी। नकद आरक्षी अनुपात, सीआरआर में कटौती की मुझे कोई उम्मीद नहीं है। मुझे लगता है कि रिजर्व बैंक मुद्रास्फीति को पूरी तरह काबू में लाना चाहता है और इसी दिशा में मजबूत संकेत देखने को मिल सकता है।’ उल्लेखनीय है कि सकल मुद्रास्फीति दिसंबर 2011 में 7.47 प्रतिशत रही वहीं खाद्य मुद्रास्फीति सात जनवरी को समाप्त सप्ताह में शून्य से नीचे 0.42 प्रतिशत रही। हालांकि खाद्य और सकल मुद्रास्फीति नीचे आयी है लेकिन विनिर्मित उत्पादों की मंहगाई दर अभी भी उंची है।
रिजर्व बैंक 24 जनवरी को मौद्रिक एवं ऋण नीति की तीसरी तिमाही समीक्षा करने वाला है। उद्योग जगत अर्थव्यवस्था को गति देने के लिये ब्याज दरों में कटौती की मांग कर रहा है। चालू वित्त वर्ष की दूसरी तिमाही में आर्थिक वृद्धि दर 6.9 प्रतिशत रही जो पिछले दो वर्ष में सबसे कम रही है।
पिछले वर्ष दिसंबर में मध्य तिमाही समीक्षा में रिजर्व बैंक ने नीतिगत ब्याज दरों में वृद्धि नहीं की थी और कहा था कि वह भविष्य में इसमें कटौती कर सकता है जो मुद्रास्फीति की नरमी पर निर्भर करेगा। इंडियन ओवरसीज बैंक के चेयरमैन और प्रबंध निदेशक एम नरेन्द्र के अनुसार केंद्रीय बैंक द्वारा अभी कुछ समय नीतिगत ब्याज दरों में कोई बदलाव करने की संभावना कम है।
उन्होंने कहा कि आगामी नीतिगत समीक्षा में सीआरआर में बदलाव की संभावना कम है। फिलहाल सीआरआर 6 प्रतिशत है। सीआरआर वह दर है जिसके तहत वाणिज्यिक बैंकों को केंद्रीय बैंक के पास एक निश्चित राशि रखनी पड़ती है। उच्च मुद्रास्फीति को काबू में करने के लिये मार्च 2010 से अक्तूबर 2011 के बीच रिजर्व बैंक नीतिगत ब्याज दरों में 13 बार वृद्धि कर चुका है। इससे रेपो और रिवर्स रेपो दरें 2.5 से तीन प्रतिशत तक बढ़ गई।
हालांकि, केनरा बैंक के चेयरमैन तथा प्रबंध निदेशक ए रमण ने कहा कि औद्योगिक गतिविधियों में नरमी को देखते हुए रिजर्व बैंक सीआरआर में 0.25 प्रतिशत की कमी कर सकता है।
कोटक महिंद्रा के प्रबंध निदेशक उदय कोटक ने कहा, ‘घरेलू स्तर पर नकदी की स्थिति थोड़ी तंग है,ऐसे में नकदी की स्थिति में सुधार के लिए सीआरआर में कुछ कटौती की उम्मीद की जा रही है। (एजेंसी)
First Published: Sunday, January 22, 2012, 20:47