Last Updated: Monday, January 23, 2012, 15:53
मुंबई : रिजर्व बैंक ने मंगलवार को होने वाली मौद्रिक नीति समीक्षा में ब्याज दरों में कोई बदलाव नहीं करने का संकेत दिया है। केंद्रीय बैंक ने कहा है कि वह आर्थिक वृद्धि को प्रोत्साहित करने और मुद्रास्फीतिक धारणाओं को काबू में रखने के बीच संतुलन का प्रयास करेगा।
केंद्रीय बैंक ने कहा कि चालू वित्त वर्ष के दौरान सकल घरेलू उत्पाद की वृद्धि दर उसके पहले लगाए गए 7.6 फीसदी के अनुमान से कम रहेगी जबकि मुद्रास्फीति जो अभी भी चिंता का विषय है वह मार्च अंत तक कम होकर सात फीसद रह जाएगी। मौद्रिक नीति की तीसरी तिमाही समीक्षा की पूर्व-संध्या पर पर जारी वृहत्-आर्थिक और मौद्रिक विकास समीक्षा में कहा गया है, आर्थिक वृद्धि में कमी जहां महत्वपूर्ण चुनौती बन कर उभरी है वहीं मुद्रास्फीति की चुनौती बरकरार है।
ऐसे में मौद्रिक नीति के समक्ष यह चुनौती बनी हुई है कि किस प्रकार आर्थिक वृद्धि का कम से कम नुकसान करते हुए निम्न और स्थायी मुद्रास्फीति हासिल की जा सकती है। समीक्षा कहती है कि ऐसे में मौद्रिक नीति में जो भी कदम उठाए जाएंगे वह आर्थिक वृद्धि और मुद्रास्फीति के समक्ष खड़े जोखिम के बीच संतुलन रखते हुए उठाने होंगे।
आरबीआई द्वारा प्रायोजित पेशेवर विशेषज्ञों द्वारा किए गए सर्वेक्षण में वृद्धि के अनुमान को घटाकर सात फीसदी कर दिया गया जो केंद्रीय बैंक के पहले के 7.6 फीसद के अनुमान से कम है। आरबीआई ने कहा कि वृद्धि दर पहले अनुमानित स्तर से कम होने की आशंका है। सरकार ने यह भी कहा कि 2011-12 में वृद्धि सात फीसदी के करीब रहेगी जो पिछले साल 8.5 फीसद थी।
(एजेंसी)
First Published: Monday, January 23, 2012, 21:23