म्यूचुअल फंड और आईपीओ के नियमों में बड़े सुधार का निर्णय

म्यूचुअल फंड और आईपीओ के नियमों में बड़े सुधार का निर्णय

म्यूचुअल फंड और आईपीओ के नियमों में बड़े सुधार का निर्णय
मुंबई : पूंजी बाजार नियामक भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (सेबी) ने म्यूचुवल फंड उद्योग में जान फूंकने के लिए उससे जुड़े नियमों में सुधार लाने और कंपनियों के आरंम्भिक सार्वजनिक निर्गम (आईपीओ) में आवेदन करने वाले छोटे निवेशकों के लिये कुछ सुनिश्चित आवंटन की व्यवस्था करने का निर्णय लिया है।

बाजार विनियामक ने देश में म्यूचुअल फंड उद्योग के लिए एक राष्ट्रीय नीति का मसौदा भी तैयार करने की घोषणा की है। सेबी ने प्रस्तावित राजीव गांधी इक्विटी बचत योजना का दायरा बढा कर इसमें म्यूचुवल फंडों की इक्विटी (शेयर) निवेश योजनाओं को भी शामिल करने की सरकार से सिफारिश करने का निर्णय किया है।

सेबी निदेशक मंडल की आज यहां हुई बैठक के बाद अध्यक्ष यूके सिन्हा ने संवाददाताओं को बताया कि निदेशक मंडल ने कुछ दूरगामी परिणाम वाले सुधारों पर भी चर्चा की और उन्हें मंजूरी दी है। इनमें आईपीओ और म्यूचुवल फंड का विस्तार देशभर में करने के उपाय शामिल हैं।

सेबी निदेशक मंडल के फैसले के बाद फंड की योजनाओं में पैसा निवेश करना महंगा हो सकता है। सेबी ने तय किया है कि सेवाकर निवेशकों से लिया जायेगा। इस समय सेवाकर कंपनियों से वसूला जाता है। इसके अलावा कंपनियों को छोटे शहरों से आगे बढ़कर दूर दराज के क्षेत्रों में गतिविधियां चलाने के लिये अतिरिक्त शुल्क वसूलने की भी अनुमति होगी। कोष का प्रबंधन करने और दूसरे खर्चों के एवज में कंपनियों को इस तरह का शुल्क लगाने की अनुमति दी जाती है।

सेबी अध्यक्ष के अनुसार बैठक में कई निर्णय लिए गए। इसमें म्यूचुवल फंड उद्योग को कोष खर्च शुल्क के उपयोग के मामले में कुछ आजादी दी गई है। इसके अलावा राष्ट्रीय म्यूचुअल फंड नीति तैयार करने के लिये एक समिति भी गठित की जा रही है। यह भी निर्णय लिया गया है कि आईपीओ के लिये इलेक्ट्रानिक प्रणाली के जरिये बोलियां लगाने की प्रक्रिया शुरु की जाएगी ताकि देशभर में निवेशक प्रभावी ढंग से शेयरों में निवेश कर सकें। सिन्हा ने कहा कि निवेश सलाहकारों के मामले में नए नियम तैयार किए जाएंगे।

अन्य फैसलों में गैर खुदरा निवेशक आईपीओ की अपनी बोली वापस नहीं ले सकेंगे और न ही अपनी पेशकश के आकार और बोली मूल्य को कम कर सकते हैं। खुदरा निवेशकों के लिये पहले से ही यह नियम है।

आईपीओ लेकर बाजार में उतरने वाली कंपनियों को अब इश्यू खुलने के पांच दिन पहले मूल्य दायरा घोषित करना होगा। वर्तमान में केवल दो दिन पहले इसकी जानकारी देने होती है। सेबी के फैसले के मुताबिक अब पांच कार्यदिवस पहले मूल्य दायरा बताना होगा। (एजेंसी)

First Published: Friday, August 17, 2012, 00:18

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