'रक्षा उद्योग आयोग से 10 लाख नौकरियां' - Zee News हिंदी

'रक्षा उद्योग आयोग से 10 लाख नौकरियां'

नई दिल्ली : हथियार खरीद के क्षेत्र में देश को आत्मनिर्भर बनाने के लिए कंफेडरेशन ऑफ इंडियन इंडस्ट्री (सीआईआई) ने प्रधानमंत्री कार्यालय (पीएमओ) के अधीन राष्ट्रीय रक्षा उत्पादन आयोग (एनडीएमसी) के गठन की अनुशंसा की है।

 

इसका कहना है कि इससे देश में कम से कम 10 लाख प्रत्यक्ष एवं अप्रत्यक्ष नौकरियों का सृजन होगा। सीआईआई ने बोस्टन कंसलटेंसी ग्रुप के साथ मिलकर एक सर्वेक्षण के बाद सरकार को यह अनुशंसा की है। 'क्रिएटिंग अ वाइब्रेंट डोमेस्टिक डिफेंस मैन्यूफैक्चरिंग सेक्टर' नाम से यह सर्वेक्षण रिपोर्ट सोमवार को जारी की गई।

रिपोर्ट में सीआईआई और बोस्टन कंसलटेंसी ग्रुप ने कुछ मामलों में 49 प्रतिशत प्रत्यक्ष विदेशी निवेश की अनुमति देने का प्रस्ताव भी रखा है। साथ ही रक्षा क्षेत्र में निजी भागीदारी को प्रोत्साहन देने के लिए रक्षा उद्योग चैम्पियंस अथवा रक्षा उद्योग रत्न जैसी अवधारणाओं को पुनर्जीवित करने की अनुशंसा भी की।

रिपोर्ट जारी करते हुए सीआईआई के राष्ट्रीय रक्षा परिषद के अध्यक्ष व एचसीएल के संस्थापक अजय चौधरी ने कहा कि परमाणु ऊर्जा आयोग तथा अंतरिक्ष आयोग के समान ही एनडीएमसी के गठन की आवश्यकता है, जो पीएमओ के अधीन हो और इसके जरिये पीएमओ सीधे तौर पर देश के रक्षा निर्माण क्षेत्र पर निगरानी रख सके। चौधरी ने कहा, रक्षा उद्योग रत्न को जल्द से जल्द पुराने स्वरूप में लाया जाना चाहिए।

स्टॉकहोम इंटरनेशनल पीस रिसर्च इंस्टीट्यूट ने मार्च में एक रिपोर्ट में भारत को वर्ष 2007 से 2011 के बीच हथियारों का सबसे बड़ा आयातक बताया है। देश अपनी रक्षा जरूरतों का करीब 70 प्रतिशत वैश्विक बाजार से आयात करता है, जबकि 30 प्रतिशत आवश्यकताओं की पूर्ति घरेलू बाजारों से करता है।

रिपोर्ट में अगले 10 साल में घरेलू बाजार से हथियारों की खरीद का प्रतिशत 30 से बढ़ाकर 75 फीसदी करने की अनुशंसा की गई है। इसमें कहा गया गया है कि एनडीएमसी के गठन से देश में कम से कम 10 लाख प्रत्यक्ष एवं अप्रत्यक्ष नौकरियों का सृजन होगा, अन्यथा 70 प्रतिशत रक्षा आयात पर खर्च होने वाली करीब 70 अरब डॉलर की राशि से अमेरिका, यूरोप तथा अन्य देशों में नौकरियों का सृजन होगा।  (एजेंसी)

First Published: Monday, April 2, 2012, 21:05

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