Last Updated: Wednesday, August 29, 2012, 22:31
नई दिल्ली : राष्ट्रीय सुरक्षा से जुड़े साजो-सामान में सुधारों के बारे में सुझाव देने के लिए गठित नरेश चंद्र समिति ने रक्षा क्षेत्र में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआई) की मौजूदा 26 प्रतिशत की सीमा बढ़ाने की वकालत की है। समिति का कहना है कि इससे विदेशी कंपनियां सैन्य उपकरण बनाने को लेकर नई प्रौद्योगिकी देने के लिये आकर्षित होंगी।
प्रधानमंत्री कार्यालय (पीएमओ) ने हाल ही में राष्ट्रीय सुरक्षा साजो-सामान में सुधारों के बारे में सुझाव देने के लिये नरेश चंद्र समिति का गठन किया था। फिलहाल रक्षा क्षेत्र में एफडीआई की सीमा 26 प्रतिशत है। रक्षा मंत्रालय इसमें और किसी प्रकार की वृद्धि किये जाने का विरोध कर रहा है।
समिति ने अपनी रिपोर्ट में सिफारिश की है, ‘उच्च एफडीआई का समर्थन करने की जरूरत है ताकि विदेशी कंपनियों द्वारा रक्षा क्षेत्र में विकसित अत्याधुनिक प्रौद्योगिकी भारत आ सके।’ वैश्विक तथा भारतीय कंपनियां रक्षा क्षेत्र में एफडीआई सीमा बढ़ाये जाने की मांग करती रही हैं। उनका कहना है कि इस क्षेत्र में एफडीआई सीमा बढ़ाकर कम-से-कम 49 प्रतिशत की जानी चाहिए।
हाल ही में अमेरिकी उप रक्षा मंत्री एस्टोन कार्टर ने भी कहा था कि अगर भारत एफडीआई सीमा बढ़ाता है तो इससे वैश्विक कंपनियां निवेश के लिये प्रोत्साहित होंगी। (एजेंसी)
First Published: Wednesday, August 29, 2012, 22:31