Last Updated: Tuesday, July 24, 2012, 09:13
नई दिल्ली: अमेरिका ने कहा कि भारत को और अधिक अमेरिकी निवेश आकर्षित करने के लिए रक्षा क्षेत्र में अधिकतम विदेशी निवेश की सीमा को बढाना चाहिए। अमेरिका ने लालफीताशाही की अड़चनों को दूर करते हुये भारत के साथ उच्च रक्षा प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में नजदीकी सहयोग पर भी जोर दिया है।
अमेरिका के उप रक्षामंत्री एस्टन कार्टर ने कहा कि अमेरिकी निर्यात नियंत्रण तथा प्रौद्योगिकी इंकार व्यवस्था को लेकर भारत की चिंताओं को दूर करने के लिए अमेरिका वास्तविक कदम उठा रहा है। उन्होंने कहा कि एशिया प्रशांत क्षेत्र में अमेरिकी सैन्य ढांचे को नये सिरे से संतुलित करने के लिहाज से भारत, अमेरिकी रणनीति में काफी महत्वपूर्ण है।
कार्टर ने स्पष्ट किया कि पुन:संतुलन किसी देश विशेष को लक्षित नहीं है। उन्होंने कहा, हमारा पुन: संतुलन चीन या अमेरिका या भारत या किसी भी अन्य देश या देशों के समूह के लिए नहीं है। यह शांतिपूर्ण एशिया प्रशांत क्षेत्र के लिए है जहां संप्रभु देश सुरक्षा तथा सतत संपन्नता का फायदा उठा सकते हैं। रक्षा क्षेत्र में एफडीआई के सवाल पर कार्टर ने कहा, अगर भारत अपनी एफडीआई सीमा को बढाकर अंतरराष्ट्रीय मानकों पर करता है तो इससे निवेश के लिए वाणिज्यिक प्रोत्साहन बढेगा।
फिलहाल भारत इस क्षेत्र में 26 प्रतिशत एफडीआई की अनुमति देता है। वैश्विक कंपनियां इस सीमा को बढाकर 74 प्रतिशत करने की मांग कर रही हैं। उन्होंने कहा, हम हमारे रक्षा संबंधों में नौकरशाही की बचीखुची अड़चनों को समाप्त करना चाहते हैं। (एजेंसी)
First Published: Tuesday, July 24, 2012, 09:13