Last Updated: Wednesday, September 4, 2013, 23:45

मुंबई : रघुराम गोविंद राजन ने आज रिजर्व बैंक गवर्नर का कार्यभार संभाल लिया। पद संभालते ही उन्होंने मौजूदा चुनौतियों के हिसाब से कुछ उपायों की घोषणा भी कर डाली। उन्होंने मुद्रास्फीति नियंत्रण से हटकर अर्थव्यवस्था की गति बढ़ाने की तरफ देने का भी संकेत दिया। राजन (50) ने कार्यभार संभालने से पहले निवृतमान गवर्नर डी. सुब्बाराव से हाथ मिलाया और उनसे गर्मजोशी के साथ गले मिले। इसके बाद उन्होंने रिजर्व बैंक के 23वें गवर्नर के तौर पर पद ग्रहण किया।
राजन ने पहले से तैयार वक्तव्य के साथ मीडिया को संबोधित किया। उन्होंने निकट भविष्य में उठाये जाने वाले कदमों के बारे में बताया। मुद्रा विनिमय बाजार में कमजोर पड़ते रपये को मजबूती देने के लिहाज से उन्होंने अधिक से अधिक भुगतान रपये में करने सहित कुछ अन्य उपायों की घोषणा की। राजन ने मौद्रिक नीति की अगली मध्य तिमाही समीक्षा तिथि को पीछे खिसकाकर 20 सितंबर कर दिया।
नये गवर्नर ने मौद्रिक नीति, वित्तीय स्थायित्व, वित्तीय समावेश, गैर.निष्पादित राशि :एनपीए: के क्षेत्र में मजबूती और सुधार लाने के उद्देश्य से कई समितियों के गठन की घोषणा की। नये बैंक लाइसेंस जारी करने के बारे में सुझाव देने के लिये रिजर्व बैंक के पूर्व गवर्नर बिमल जालान की अध्यक्षता में एक विशेषज्ञ समिति भी गठित की है। यह समिति नये बैंक लाइसेंस के आवेदनों की जांच परख कर सुझाव देगी। राजन ने कहा कि नये बैंक लाइसेंस अगले साल जनवरी के आसपास दिये जायेंगे।
राजन ने अपने पूर्ववर्ती डी. सुब्बाराव की मुद्रास्फीति पर अंकुश रखने की नीति से हटने का संकेत देते हुये कहा कि रिजर्व बैंक मुख्य काम मौद्रिक स्थिरता सुनश्चित करना है ताकि रपये के मूल्य को लेकर विश्वास बरकरार रहे। अंतत: इसका मतलब है कि मुद्रास्फीति कम और स्थिर रहने का अनुमान हो चाहे वह मुद्रास्फीति घरेलू कारणों से हो या विनिमा दर में बदलाव के कारण हो या फिर आपूर्ति मार्ग की आधा या मांग के दबाव की वजह से हो। पर उन्होंने कहा इसके साथ साथ हमारे दो और महत्वपूर्ण काम हैं। वह हैं, समावेशी वृद्धि और विकास का काम तथा वित्तीय स्थिरता कायम रखने का काम। मुद्रास्फीति पर शिकंजा कसने की सुब्बाराव की प्राथमिकता के बारे में पूछे जाने पर राजन ने कहा इस बारे में अपनी बात 20 सितंबर को कहेंगे।
राजन ने कहा कि आर्थिक वृद्धि बढ़ाने के लिये आज कई सुधारों को जारी किया गया। उन्होंनें कहा, मेरा मानना है कि अर्थव्यवस्था में कुछ चीजें आसानी से की जा सकती है यदि हम उन्हें कर लें तो आर्थिक वृद्धि को तेजी से आगे बढ़ाया जा सकता है। अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष के पूर्व मुख्य अर्थशास्त्री और वित्त मंत्रालय में मुख्य आर्थिक सलाहकार रहे राजन ने कहा कि अर्थव्यवस्था में कुछ सकारात्मक घटनाक्रम हुये हैं जिनसे आर्थिक वृद्धि बढ़ाने में मदद मिलेगी।
भारत की रेटिंग कम करने के संबंध में स्टैण्डर्ड एण्ड पूअर्स के ताजा बयान के बारे में पूछे जाने पर राजन ने कहा कि इस अंतरराष्ट्रीय एजेंसी ने वही कहा है जो वह काफी पहले से कहती आ रही थी। इसलिये इस बयान को ज्यादा तवज्जो दिये जाने की जरूरत नहीं है। उल्लेखनीय है कि एस एण्ड पी ने कल कहा कि अगले एक दो साल में भारत की साख घटाये जाने की संभावना एक तिहाई से अधिक है। राजन ने सांविधिक तरलता अनुपात :एसएलआर: कम करने और विदेशी बैंकों के कामकाज पर निगरानी कड़ी करने का संकेत दिया। उन्होंने बैंकों को नई शाखायें खोलने की पूरी आजादी देने का वादा भी किया।
उन्होंने कहा कि वह बाजार में निवेश और वायदा कारोबार पर नियंत्रण हटाने के मामले में उदार रख अपनायेंगे। उन्होंने कहा कि वह सेबी के साथ बातचीत कर कॉलमनी ब्याज दरों में वायदा कारोबार शुरू करने की संभावनायें तलाशेंगे। रिजर्व बैंक ने निर्यातकों के लिये निरस्त वायदा मुद्रा अनुबंधों की फिर से बुकिंग सीमा को बढाकर 50 प्रतिशत कर दिया वहीं आयातकों के मामले में 25 प्रतिशत की सीमा रखी गई है। केन्द्रीय बैंक व्यापार में अधिक से अधिक भुगतान रपये में करने का प्रयास करेगा और रपये में प्राप्ति और उसे फिर से निवेश करने वालों के लिये वित्तीय बाजारों को और खोलेगा।
राजन ने कहा कि रिजर्व बैंक शेयर पूंजी के मामले में बैंकों के लिये विदेशी उधार लेने की सीमा को 50 प्रतिशत से बढ़ाकर 100 प्रतिशत करेगा और 10 वर्षीय ब्याज दर का वायदा कारोबार शुरू करेगा जिसका निपटान नकदी में किया जायेगा। रिजर्व बैंक मौद्रिक नीति की रूपरेखा को और मजबूत बनाने के लिये उन्होंने रिजर्व बैंक के डिप्टी गवर्नर उर्जित पटेल की अध्यक्षता में एक समिति गठित करने की भी घोषणा की। समिति तीन माह में रिपोर्ट सौंपेगी। (एजेंसी)
First Published: Wednesday, September 4, 2013, 23:45