‘राजकोषीय घाटा 5.3% रहने की उम्मीद’

‘राजकोषीय घाटा 5.3% रहने की उम्मीद’

नई दिल्ली : सरकार को चालू वित्त वर्ष के दौरान राजकोषीय घाटे के 5.3 प्रतिशत के लक्ष्य के अनुरूप रहने का पूरा विश्वास है।

वित्त मंत्रालय में आर्थिक मामलों के सचिव अरविंद मायाराम के अनुसार निवेश गतिविधियां बढ़ाने के उपायों ने अपना असर दिखाना शुरू कर दिया है। उन्होंने कहा ‘चालू वित्त वर्ष के लिये राजकोषीय घाटे के 5.3 प्रतिशत रहने का अनुमान तय किया गया है और यह इसी स्तर पर रहेगा।’

सरकार ने शुरू में बजट में राजकोषीय घाटे के 5.1 प्रतिशत रहने का अनुमान लगाया था। वर्ष के दौरान खर्च बढ़ने और राजस्व कमाई कम रहने से खजाना दबाव में आने लगा। इसके बाद राजकोषीय घाटे के अनुमान को बढ़ाकर 5.3 प्रतिशत कर दिया गया।

‘दिल्ली आर्थिक सम्मेलन’ में मायाराम ने कहा,‘सरकार ने कई फैसले किए हैं, इससे धारणा और सोच में बदलाव आया है, यह हमें दिखने लगा है और इसमें मजबूती का हमें इंतजार है।’

केन्द्रीय मंत्रिमंडल ने कल ही 1,000 करोड़ रुपए अथवा इससे अधिक राशि की बड़ी परियोजनाओं को जल्द मंजूरी देने के लिये मंत्रिमंडल की निवेश मामलों की समिति के गठन को मंजूरी दी है। मंत्रिमंडल ने भूमि अधिग्रहण विधेयक के मसविदे को भी मंजूरी दी है।

उन्होंने कहा कि सुधारों को बढ़ाने की प्रक्रिया एक सतत चलने वाली प्रक्रिया है। पिछले महीने सरकार ने खुदरा क्षेत्र में प्रत्यक्ष विदेश निवेश (एफडीआई) को खोलने और विमानन तथा प्रसारण क्षेत्र में भी इसकी अनुमति दी गई।

मायाराम ने कहा,‘हम 9.5 प्रतिशत की उच्च वृद्धि को छू चुके हैं और आज हम वैश्विक अर्थव्यवस्था में मंदी की वजह से काफी मुश्किल में भी छह प्रतिशत से आगे निकलने का प्रयास कर रहे हैं, इसके लिए गंभीर सोच विचार की जरूरत है।’ (एजेंसी)

First Published: Friday, December 14, 2012, 21:32

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