राजकोषीय घाटा बजट अनुमान का 97 फीसदी

राजकोषीय घाटा बजट अनुमान का 97 फीसदी

नई दिल्ली : सरकार का राजकोषीय घाटा चालू वित्त की अप्रैल से फरवरी के दौरान बजट अनुमान के 97.4 फीसद के बराबर रहा। लेखा महानियंत्रक (सीजीए) के आज जारी आंकड़ों के अनुसार राजकोषीय घाटा फरवरी,13 के अंत तक 5.07 लाख करोड़ रुपये रहा है। खर्च और राजस्व प्राप्ति का अंतर राजकोषीय घाटा कहलाता है।

सरकार ने चालू वित्त वर्ष (2012-13) में राजकोषीय घाटा सकल घरेलू उत्पाद :जीडीपी: का 5.1 फीसद या 5,13,590 करोड़ रुपये रहने का अनुमान लगाया था। बाद में इसका संशोधित अनुमान बढ़ाकर 5.2 प्रतिशत कर दिया गया है।

सब्सिडी के लिए भुगतान बढ़ने की वजह से राजकोषीय घाटा बजटीय स्तर से उपर पहुंच चुका है। सरकार ने इसे 5.2 प्रतिशत पर रखने के लिए कई कदम उठाए हैं। इसके तहत खचरें को तर्कसंगत किया जाना शामिल है। इसमें गैर योजना व्यय में अनिवार्य रूप से 10 फीसद की कटौती की जा रही है। इसके अलावा पेट्रोलियम उत्पादों पर भी सब्सिडी घटाने के लिए कदम उठाए गए हैं। इससे पिछले वित्त वर्ष की समान अवधि में राजकोषीय घाटा बजट अनुमान का 94.6 प्रतिशत रहा था।

चालू वित्त वर्ष की फरवरी से अप्रैल की अवधि में खर्च बजट अनुमान का 85.2 प्रतिशत यानी 12.19 लाख करोड़ रुपये रहा है। वहीं इस दौरान कुल प्राप्तियां बजट अनुमान का 78.3 प्रतिशत यानी 7.12 लाख करोड़ रुपये रही हैं। इस अवधि में कर राजस्व बजट अनुमान का 77.1 प्रतिशत यानी 5.71 लाख करोड़ रुपये रहा, जो इससे पिछले वित्त वर्ष की समान अवधि में 76.9 प्रतिशत रहा था। (एजेंसी)

First Published: Thursday, March 28, 2013, 16:19

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