‘राजकोषीय घाटे को दायरे में रखना चुनौतीपूर्ण’ - Zee News हिंदी

‘राजकोषीय घाटे को दायरे में रखना चुनौतीपूर्ण’

 

नई दिल्ली : वित्त मंत्री प्रणब मुखर्जी ने बुधवार को कहा कि अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल के दाम जिस स्तर पर हैं उसे देखते हुए चालू वित्त वर्ष में राजकोषीय घाटे को सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) के 4.6 प्रतिशत पर रखना चुनौतीपूर्ण होगा। हालांकि, उन्होंने कहा कि सरकार घाटे को बजट अनुमान के दायरे में रखने के लिए हरसंभव प्रयास करेगी।

 

दो दिवसीय आर्थिक संपादकों के सम्मेलन का उद्घाटन करते हुए मुखर्जी ने कहा कि हम राजस्व प्राप्ति और व्यय के रुझान पर नजर रखे हुए हैं, परिस्थिति के अनुसार उपयुक्त कदम उठाएंगे। उन्होंने कहा कि सकल राजस्व प्राप्ति के बजट लक्ष्य को हासिल करने के लिए पिछले वित्त वर्ष की वास्तविक राजस्व प्राप्ति के ऊपर 17.3 प्रतिशत की वृद्धि हासिल करनी होगी। लेकिन यदि कच्चे तेल के दाम उसी स्तर पर बने रहते हैं जहां वह इस समय हैं, तो राजकोषीय घाटे को 4.6 प्रतिशत के दायरे में रखना काफी चुनौतीपूर्ण होगा।

 

मुखर्जी ने कहा कि चालू वित्त वर्ष के दौरान मोटे तौर पर वित्तीय नीति का रुझान वित्तीय मजबूती के रास्ते पर रहा है। हमें इस साल राजकोषीय घाटा 4.6 प्रतिशत रहने की उम्मीद है। पिछले वित्त वर्ष में इसका शुरुआती अनुमान 5.5 प्रतिशत रखा गया था। वर्ष के दौरान 3जी स्पेक्ट्रम नीलामी से प्राप्त राशि को देखते हुए राजकोषीय घाटा 5.1 प्रतिशत रहने की उम्मीद बंधी और अंत में वर्ष की समाप्ति के समय यह और घटकर 4.7 प्रतिशत रहा।

 

वित्‍त मंत्री ने कहा कि वर्ष 2009-10 में जब राजकोषीय घाटा 6.4 प्रतिशत रहा था, उसके मुकाबले 2010-11 में इसके घटकर 4.7 प्रतिशत पर आना बड़ी वित्तीय सफलता है। उन्होंने कहा कि राजकोषीय घाटे में इतनी गिरावट के पीछे दूरसंचार क्षेत्र में स्पेक्ट्रम नीलामी से प्राप्त राशि का योगदान रहा है, जो कि इस वर्ष नहीं मिलेगा।

(एजेंसी)

First Published: Wednesday, October 19, 2011, 14:35

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