`राजीव गांधी इक्विटी योजना की समीक्षा की जरूरत`

`राजीव गांधी इक्विटी योजना की समीक्षा की जरूरत`

नई दिल्ली : संसद की एक समिति ने राजीव गांधी इक्विटी बचत योजना (आरजीईएसएस) के प्रति लोगों की ठंडी प्रतिक्रिया को लेकर निराशा जतायी है। समिति ने वित्त मंत्रालय से योजना की समीक्षा और बचत प्रोत्साहित करने के लिये वैकल्पिक प्रस्ताव तैयार करने को कहा है।

वित्त पर संसद की स्थायी समिति ने अपनी रिपोर्ट में कहा है कि आरजीईएसएस को निवेशकों की तरफ से अच्छी प्रतिक्रिया नहीं मिली है। मार्च 2013 तक की स्थिति के अनुसार इस योजना में अब तक 21,000 खातों के जरिये केवल 51.78 करोड़ रपये निवेश किया गया है।

संसद में पेश रिपोर्ट के अनुसार, ‘‘अत: समिति चाहेगी कि वित्त मंत्रालय व्यवहारिक रूप से योजना की समीक्षा करे और आयकर कानून की धारा 80 सी के तहत एक लाख रपये की सीमा बढ़ाने जैसे उपायों के जरिये बचतों को प्रोत्साहित करने हेतु वैकल्पिक प्रस्ताव तैयार करे।’’ आरजीईएसएस को कर बचत योजना के रूप में नवंबर 2012 में अधिसूचित किया गया था। पूंजी बाजार में निवेश को प्रोत्साहित करने के इरादे से लायी गयी योजना के तहत 12 लाख तक सालाना आय वाले नये निवेशक 50,000 रपये तक के निवेश पर कर छूट प्राप्त करेंगे।

यशवंत सिन्हा की अध्यक्षता वाली समिति ने यह भी सुझाव दिया है कि बैंकों में सावधि जमाओं पर टीडीएस (स्रोत पर कर कटौती) सीमा बढ़ायी जा सकती है कि यह निवेश का आकषर्क माध्यम बने। इस प्रकार की जमाओं के प्रति लोगों का घटता रूझान देखने को मिला है।

प्रतिभूति सौदा कर (एसटीटी) तथा जिंस सौदा कर (सीटीटी) के संदर्भ में समिति ने एसटीटी को चरणबद्ध तरीके से समाप्त करने के अपने पूर्व के सुझाव को दोहराया है और वित्त मंत्रालय से सीटीटी के खासकर खाद्य मुद्रास्फीति पर पड़ने वाले प्रभाव के बारे में अध्ययन कराने को कहा है। (एजेंसी)

First Published: Tuesday, April 23, 2013, 13:28

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