Last Updated: Saturday, September 22, 2012, 17:03
ज़ी न्यूज़ ब्यूरोनई दिल्ली : सरकार ने राजीव गांधी इक्विटी स्कीम के दायरे में ईटीएफ और म्यूचुअल फंडों को भी लाने को मंजूरी दी। इससे राजीव गांधी इक्विटी स्कीम के तहत सालाना 10 लाख रुपये तक की आमदनी वालों को फायदा मिलेगा। राजीव गांधी इक्विटी स्कीम में 50,000 रुपये तक के निवेश की आधी रकम पर टैक्स छूट दिए जाने का प्रावधान है। वहीं राजीव गांधी इक्विटी स्कीम में निवेशकों के पास 1 साल के बाद अपने शेयर बेचने का विकल्प होगा। स्कीम के कुछ अहम फायदे निम्न प्रकार से हैं :
1. इससे उन निवेशकों को बाजार में उतरने का मौका मिलेगा जिन्होंने अभी तक म्यूचुअल फंड या अन्य साधनों के जरिए बाजार में निवेश नहीं किया है। इस फैसले के जरिए निवेशकों को टैक्स बचाने के लिए म्यूचुअल फंडों में भी निवेश करने का मौका मिलेगा। इससे वो पैसा बाजार में आएगा जो बैंक डिपॉजिट या घरों में बेकार पड़ा रहता है।
2. जो निवेशक पहली बार बाजार में निवेश करते हैं उन्हें बाजार की जानकारी न होने के चलते म्यूचुअल फंड के जरिए निवेश करना ज्यादा सही रहता है क्योंकि उन्हें विशेषज्ञों की सलाह मिलती है और फंड मैनेजर का मार्गदर्शन भी मिलता है। राजीव गांधी इक्विटी स्कीम आने के बाद कई फंड हाउस लॉन्च होंगे।
3. इस स्कीम के जरिए नए निवेशक धीरे-धीरे म्यूचुअल फंड में निवेश बढ़ाएंगे जिससे म्यूचुअल फंड इंडस्ट्री को काफी फायदा होगा। इस स्कीम के जरिए आने वाले सालों में म्यूचुअल फंड इंडस्ट्री में 10 से 15 हजार करोड़ रुपए आने की उम्मीद है।
4. राजीव गांधी इक्विटी सेविंग स्कीम के जरिए आयकर की धारा 80 सीसीजी के तहत 50,000 रुपए तक के निवेश पर 50 फीसदी टैक्स छूट मिल सकती है। ऐसे करदाता जिनकी आय 5 लाख रुपए हैं, सालाना टैक्स में 2500 रुपए तक की टैक्स बचत कर सकते हैं। ऐसे करदाता जिनकी आय 5 लाख से ज्यादा है और 10 लाख रुपए से कम है उनके लिए सालाना 5000 रुपए तक टैक्स बचत करने का मौका है।
5. राजीव गांधी इक्विटी स्कीम के जरिए एनएसई और बीएसई पर लिस्टेड टॉप 100 शेयरों में खरीदारी कर सकते हैं। अगर निवेशक सीधा इन शेयरों को खरीदना नहीं चाहे तो म्यूचुअल फंड के जरिए भी शेयर खरीद सकता है। इसमें एक्सचेंज ट्रेडेड फंड (इटीएफ) के जरिए भी निवेश किया जा सकता है। इसमें उन्हीं स्कीम में पैसा लगाया जा सकता है जो एनएसई और बीएसई के टॉप 100 शेयरों में पैसा लगाती हों। इसके जरिए नवरत्न, मिनी रत्न और महारत्न पीएसयू कंपनियों में पैसा लगा सकते हैं।
6. 50,000 रुपए का निवेश एक वित्त वर्ष के लिए किया जा सकता है। इस स्कीम में 3 साल का लॉक इन पीरियड है और आप एक साल में एसआईपी के जरिए या कितनी भी बार पैसा लगा सकते हैं। इसमें 50,000 रुपये से ज्यादा भी निवेश कर सकते हैं लेकिन इसमें छूट सिर्फ 50,000 रुपये तक के निवेश पर ही मिलेगी।
7. अगर किसी भी गोल्ड फंड, डेट फंड, बैलेंस्ड फंड में निवेश करते हैं तो राजीव गांधी इक्विटी स्कीम के तहत टैक्स छूट का फायदा नहीं मिलेगा। इसमें केवल उन्हीं स्कीमों में टैक्स छूट का फायदा मिलेगा जो बीएसई और एनएसई के टॉप 100 शेयरों में पैसा लगाता हों। सेंसेक्स और निफ्टी के फंड हों जिनका ट्रेक ईटीएफ रखता है उनमें टैक्स छूट मिल सकती है।
First Published: Saturday, September 22, 2012, 17:03