`राज्यों को चिट फंड पर निगरानी व्यवस्था सुधारनी चाहिए`

`राज्यों को चिट फंड पर निगरानी व्यवस्था सुधारनी चाहिए`

मुंबई : वित्त मंत्रालय ने आज कहा कि वह चिट फंड तथा अन्य संबद्ध कंपनियों को नियमित करने के लिये विभिन्न कदमों पर विचार कर रहा है लेकिन यह भी चाहता है कि राज्य इस संबंध में अपनी निगरानी व्यवस्था दुरूस्त करे।

यह पूछे जाने पर कि क्या सरकार की चिंट फंड के लिये अलग नियामक गठित करने की योजना है, आर्थिक मामलों के सचिव अरविंद मायाराम ने संवाददाताओं से कहा, ‘‘चिंट फंड कंपनियों को नियमित करने की जरूरत है। यह कैसे होगा, मैं इस बारे में कुछ नहीं कह सकता क्योंकि इस बारे में अभी कोई निर्णय नहीं हुआ है।’’ उन्होंने कहा कि सरकार इस मामले में व्यापक रूप से विचार कर रही है और हमें अंतिम नतीजे तक इंतजार करना होगा।

बहरहाल, मायाराम ने यह भी कहा कि चिंट फंड राज्य का विषय है और राज्य का कानून इस पर लागू होता है। उन्होंने यह भी कहा कि कई राज्यों में नियामक नहीं हैं जो चिंट फंड और अन्य निवेश एजेंसियों की गतिविधियों पर ध्यान दे सके।

मायाराम ने कहा कि इन सभी गतिविधियों पर नजर रखने के लिये राज्यों द्वारा कदम उठाने की जरूरत है। कोलकाता के सारदा समूह के खिलाफ जांच शुरू होने के बाद मायाराम ने यह बात कही है। समूह पर निवेशकों के साथ धोखाधड़ी करने का आरोप है।

अखिल भारतीय चिट फंड एसोसिएशन के अनुसार सरकार के पास 10,000 से अधिक चिट फंड कंपनियां पंजीकृत हैं। इनका कारोबार 30,000 करोड़ रपये सालाना से अधिक है। ‘मुद्रास्फीति में नरमी से रिजर्व बैंक को नीतिगम ब्याज दरों में कटौती पर विचार करने में मदद मिलेगी’ (एजेंसी)

First Published: Tuesday, April 30, 2013, 18:18

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