Last Updated: Tuesday, October 30, 2012, 16:31

मुंबई : भारतीय रिजर्व बैंक ने मार्च अंत तक अनुमानित महंगाई की सामान्य दर को बढ़ाकर 7.5 प्रतिशत कर दिया है। पहले केंद्रीय बैंक का अनुमान था कि मार्च 2013 के अंत तक मुद्रास्फीति 7 फीसद रहेगी। रिजर्व बैंक के इस रुख से यह संकेत मिलता है कि आम आदमी को आगामी महीनांे में महंगाई से अभी अधिक राहत मिलने वाली नहीं है।
रिजर्व बैंक ने 2012-13 की दूसरी तिमाही की मौद्रिक नीति की समीक्षा में कहा है, थोक मूल्य सूचकांक आधारित मुद्रास्फीति मार्च, 2013 तक 7.5 प्रतिशत रहेगी। जुलाई में रिजर्व बैंक ने इसके 7 फीसद पर रहने का अनुमान लगाया था। वृद्धि दर घटने के बावजूद मुद्रास्फीति प्रमुख चुनौती बनी हुई है। थोक मूल्य सूचकांक आधारित मुद्रास्फीति सितंबर में बढ़कर 7.81 प्रतिशत हो गई, जो अगस्त में 7.55 फीसद पर थी। रिजर्व बैंक ने कहा कि हाल में आई कमी के बावजूद वैश्विक स्तर पर जिंसांे के दाम उंचे बने हुए हैं।
सरकार ने सितंबर माह में डीजल कीमतों में 5 रुपये प्रति लीटर की वृद्धि की थी। इससे लघु अवधि में महंगाई कुछ बढ़ेगी, लेकिन साथ ही सरकार को अपने सब्सिडी बिल को काबू रखने में मदद मिलेगी। रिजर्व बैंक ने कहा है कि अक्तूबर-दिसंबर की तिमाही में महंगाई कुछ बढ़ेगी, जबकि जनवरी-मार्च में इसमें गिरावट आनी शुरू होगी।
केंद्रीय बैंक ने कहा है कि 5 प्रतिशत से अधिक की मुद्रास्फीति चिंता की बात है। खाद्य मुद्रास्फीति इस बात पर निर्भर करेगी कि सरकार किस प्रकार से आपूर्ति पक्ष की समस्या से निपटती है। सितंबर में खाद्य मुद्रास्फीति 7.86 फीसद पर थी। (एजेंसी)
First Published: Tuesday, October 30, 2012, 16:31