Last Updated: Friday, September 20, 2013, 17:17
मुंबई : भारतीय रिजर्व बैंक द्वारा उम्मीद के विपरीत महंगाई पर अंकुश के लिए नीतिगत ब्याज दरों में चौथाई फीसद बढ़ोतरी से बंबई शेयर बाजार का सेंसेक्स शुक्रवार को 383 अंक लुढ़क गया। यह सेंसेक्स में लगभग तीन सप्ताह की सबसे बड़ी गिरावट है।
एक समय 595.21 अंक तक नीचे जाने के बाद 30 शेयरों वाला सेंसेक्स 382.93 अंक या 1.85 प्रतिशत की गिरावट के साथ 20,263.71 अंक पर बंद हुआ। इससे पहले 3 सितंबर को सेंसेक्स में 651 अंक का नुकसान दर्ज हुआ था।
अमेरिकी केंद्रीय बैंक फेडरल रिजर्व द्वारा प्रोत्साहन कार्यक्रम जारी रखने के फैसले से गुरुवार को सेंसेक्स 684 अंक के उछाल के साथ तीन साल के उच्च स्तर पर पहुंच गया था।
इसी तरह नेशनल स्टाक एक्सचेंज का निफ्टी 103.45 अंक या 1.69 प्रतिशत के नुकसान से 6,012.10 अंक पर आ गया। एमसीएक्स-एसएक्स का एसएक्स 40 सूचकांक 205.69 अंक की गिरावट के साथ 12,026.41 अंक रह गया।
रिजर्व बैंक के गवर्नर रघुराम राजन ने अपनी पहली मौद्रिक समीक्षा में उम्मीद के विपरीत रेपो दर में 0.25 प्रतिशत की बढ़ोतरी की है। इसका असर विदेशी विनियम बाजार पर भी पड़ा तथा कारोबार के दौरान रपया 85 पैसे की गिरावट के साथ 62.62 प्रति डॉलर पर पहुंच गया।
सबसे ज्यादा दबाव में ब्याज दर आधारित कंपनियों मसलन रीयल्टी तथा बैंकिंग शेयर रहे। ऋण की ऊंची लागत से उनके कारोबार पर असर पड़ने की संभावना है। सेंसेक्स के 30 शेयरों में आईसीआईसीआई बैंक तथा एचडीएफसी बैंक सहित 21 में गिरावट आई। इन दोनों ने सेंसेक्स की गिरावट में 120 अंक का योगदान दिया। (एजेंसी)
First Published: Friday, September 20, 2013, 17:17