Last Updated: Monday, November 28, 2011, 10:39
नई दिल्ली : रिलायंस इंडस्ट्रीज ने केजी-डी8 गैस क्षेत्र की परियोजना लागत की वसूली को लेकर उठे विवाद पर पेट्रोलियम मंत्रालय को पंचनिर्णय का नोटिस भेजा है। मंत्रालय ने मुकेश अंबानी की कंपनी को केजी-डी6 गैस क्षेत्र में कुछ खर्चे को मंजूर नहीं किया है क्यों कि परियोजना का गैस उत्पादन घट रहा है। सरकार का यह कदम उत्पादन में गिरावट पर दंड के रुप में माना जा रहा है।
सूत्रों ने बताया कि पंचनिर्णय के नोटिस में रिलायंस ने कहा है कि केजी-डी6 क्षेत्र में कंपनी के खर्च की वसूली पर सीमा लगाने का कोई भी कदम गैरकानूनी है और यह उत्पादन भागीदारी अनुबंध (पीएससी) से अलग है। मंत्रालय लागत वसूली को मौजूदा के 100 प्रतिशत से घटाकर केजी-डी6 क्षेत्र से उत्पादित गैस के अनुपात में करने के लिए कदम उठा रहा है।
मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारी और हाइड्रोकार्बन महानिदेशालय (डीजीएच) इस बात पर विचार विमर्श कर रहे हैं कि कंपनी को कितना खर्च नहीं निकालने की अनुमति दी जानी चाहिए और इस बारे में रिलायंस इंडस्ट्रीज का जल्द नोटिस भेजा जाएगा। सूत्रों ने बताया कि नोटिस भेजे जाने से पहले ही रिलायंस ने पंचनिर्णय की प्रक्रिया शुरू कर दी है। नोटिस में पेट्रोलियम मंत्रालय से इस मुद्दे पर फैसले के लिए पंचों की नियुक्ति को कहा गया है।
रिलायंस ने 8 करोड़ घन मीटर गैस उत्पादन के लिए सुविधाएं विकसित की हैं, पर फिलहाल इस क्षेत्र से प्रतिदिन 4.1 करोड़ घनमीटर गैस का ही उत्पादन हो रहा है। उत्पादन भागीदारी करार के तहत ऑपरेटरों को उत्खनन और उत्पादन की शतप्रतिशत लागत निकालने की अनुमति होती है। रिलायंस ने 8.8 अरब डालर के निवेश से 2012 तक 8 करोड़ घन मीटर प्रतिदिन गैस उत्पादन का लक्ष्य तय किया था, पर फिलहाल इस क्षेत्र से दैनिक उत्पादन उसका आधा ही है और कंपनी ने अभी तक 5.8 अरब डालर की राशि का निवेश दिखाया है।
(एजेंसी)
First Published: Tuesday, November 29, 2011, 08:37