Last Updated: Wednesday, December 14, 2011, 05:42
मुंबई : रुपया बुधवार को डॉलर के मुकाबले 53.75 रुपये के नए ऐतिहासिक निचले स्तर पर पहुंच गया। आयातकों से डॉलर की लगातार हो रही मांग और निराशाजनक वैश्विक आर्थिक स्थिति तथा खास तौर से यूरोपीय संघ के कर्ज संकट के कारण डॉलर के मुकाबले रुपये का मूल्य लगातार गिरता जा रहा है। रुपया जुलाई में 52 सप्ताह के ऊपरी स्तर से अब तक 19 फीसदी कमजोर हो चुका है।
केंद्रीय वित्त मंत्री प्रणब मुखर्जी ने घरेलू अर्थव्यवस्था में कुछ विपरीत रुझानों पर चिंता जाहिर करते हुए मंगलवार को राज्यसभा में कहा था कि रुपये की कीमत घटना किसी भी वित्त मंत्री को सुखद नहीं लगेगा। उद्योग जगत के मुताबिक भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) रुपये का और अवमूल्यन रोकने के लिए सितंबर और अक्टूबर की तरह फिर हस्तक्षेप कर सकता है।
विशेषज्ञों का हालांकि अनुमान है कि रुपया और कमजोर होकर प्रति डॉलर 55 रुपये पर पहुंच सकता है। बैंक ने सितंबर और अक्टूबर में क्रमश: 84.5 करोड़ डॉलर तथा 94.3 करोड़ डॉलर की बिक्री की थी।
रुपये के अवमूल्यन के कारण आयात महंगा हो जाता है और तेल विपणन कम्पनियां ईंधन तथा खासकर पेट्रोल तथा विमान ईंधन का मूल्य बढ़ाने के लिए बाध्य हो जाती हैं। इसके कारण आखिरकार महंगाई में वृद्धि होती है।
(एजेंसी)
First Published: Wednesday, December 14, 2011, 18:26