Last Updated: Tuesday, November 22, 2011, 09:56
आगरा : डालर के मुकाबले भारतीय रुपये के रिकार्ड निचले स्तर पर पहुंच जाने के बीच मंगलवार को वित्त मंत्रालय ने कहा कि भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) और सरकार स्थिति पर नजर रखे हुए है। वित्त सचिव आरएस गुजराल ने यहां राष्ट्रीय दवा कानून प्रवर्तन एजेंसी के प्रमुखों के 35वें सम्मेलन के दौरान संवाददाताओं से कहा कि रिजर्व बैंक और सरकार स्थिति पर नजर रखे हुए हैं।
रुपये की चाल का निर्धारण बाजार ताकतों द्वारा किया जाता है। इसलिए जब अत्यधिक उतार-चढ़ाव होगा, रिजर्व बैंक हस्तक्षेप करेगा। रिजर्व बैंक जरूरी कार्रवाई करेगा।
बैंकों और आयातकों द्वारा डालर की मांग बनी रहने से शुरुआती कारोबार में रुपया 52.73 प्रति डालर के रिकार्ड निचले स्तर पर आ गया है। रुपये की कितनी विनिमय दर को आपचिंता जनक मानेंगे, इस पर गुजराल ने कहा कि रुपये में अत्यधिक अवमूल्यन से देश को आयात पर अधिक खर्च करना पड़ेगा। उन्होंने कहा कि रुपये में अत्यधिक गिरावट से हमारा आयात बिल प्रभावित होगा। कच्चे तेल के कीमत में आयी मामूली गिरावट हम रुपये में आए अवमूल्यन की वजह से खो देंगे।
एक बैरल कच्चे तेल की कीमत करीब 107 डालर है। निश्चित रूप से उर्वरक और दूसरे चीजों का हमारा आयात बिल प्रभावित होगा। रिजर्व बैंक ने रुपये में आई गिरावट के लिए मांग-आपूर्ति कारकों को जिम्मेदार बताया है। केंद्रीय बैंक के अनुसार यह वैश्विक स्तर पर हो रहा है।
(एजेंसी)
First Published: Tuesday, November 22, 2011, 15:26