Last Updated: Monday, May 28, 2012, 18:58

नई दिल्ली : वैश्विक रेटिंग एजेंसी मूडीज ने आज कहा कि रपये में गिरावट का असर भारत की सरकारी साख (रेटिंग) पर नहीं होगा लेकिन यह उन निजी कंपनियों को नुकसान पहुंचा सकता है जिन्होंने भारी विदेशी कर्ज ले रखा है।
मूडीज इन्वेस्टर्स सर्विसेज ने एक रिपोर्ट में कहा है, भारतीय रुपये में अच्छी खासी नरमी का सरकारी साख पर असर नहीं होगा। रुपये में गिरावट का सरकार की अपनी ऋण पुनर्भुगतान क्षमता पर सीधा असर सीमित है। रिपोर्ट में कहा गया है कि रुपये में मौजूदा उतार चढाव 1991 की तुलना में कम नुकसानदायक होगा। उस समय कम आरक्षित भंडार तथा बढ़ते चालू खाता घाटे के कारण भारत के समक्ष भुगतान संतुलन का संकट खड़ा हो गया था।
विदेशी संस्थागत निवेशकों द्वारा हाथ खींच लिए जाने के कारण रपया पिछले सप्ताह 56.40 रपये तक लुढ़क गया। गहराते चालू खाता घाटे (सीएडी) का असर भी रुपये पर रहा। दिसंबर 2011 में सीएडी बढ़कर जीडीपी का चार प्रतिशत हो गया। (एजेंसी)
First Published: Monday, May 28, 2012, 18:58