Last Updated: Monday, April 16, 2012, 12:13

मुंबई : भारतीय रिजर्व बैंक मंगलवार को 2012-13 के लिए मौद्रिक नीति की घोषणा में रेपो दर में 25 आधार अंकों की कटौती कर सकता है। इससे पहले मार्च में रिजर्व बैंक ने नकद आरक्षी अनुपात (सीआरआर) में कमी की थी, जिसके मुताबिक वाणिज्यिक बैंकों को एक निश्चित अनुपात में राशि रिजर्व बैंक में जमा रखनी होती है। अनुपात को 5.5 फीसदी से घटाकर 4.75 फीसदी कर दिया गया था, ताकि बाजार में 48 हजार करोड़ रुपये का प्रवाह हो।
उद्योग जगत के मुताबिक मुख्यत: फरवरी में औद्योगिक उत्पादन की सुस्त विकास दर के कारण मुख्य दरों में कटौती का फैसला लिया जा सकता है। बाजार में तरलता की कमी का असर देश के आर्थिक विकास पर भी पड़ा। कारोबारी साल 2011-12 की तीसरी तिमाही में देश का विकास 6.1 फीसदी की दर से हुआ, जो पिछले तीन साल में न्यूनतम है। उधर, सोमवार को जारी महंगाई दर भी मार्च में 6.89 फीसदी दर्ज की गई, जो इससे पिछले महीने के 6.95 फीसदी से थोड़ा कम है।
महंगाई में कमी लाने के लिए रिजर्व बैंक ने मार्च 2010 से अक्टूबर 2011 तक 13 बार मुख्य दरों में वृद्धि की है। मुख्य दरों में कटौती की सम्भावना का सकारात्मक असर बैंकों के शेयरों पर दिखाई पड़ा। सोमवार को बम्बई स्टॉक एक्सचेंज का बैंकिंग सूचकांक 1.22 फीसदी या 144.40 अंकों की तेजी के साथ 12,028.61 पर बंद हुआ।
(एजेंसी)
First Published: Monday, April 16, 2012, 17:43