Last Updated: Monday, July 2, 2012, 18:19

नई दिल्ली : भारतीय रेल के सवारी किराए और माल भाड़े में फिलहाल बढ़ोतरी नहीं होगी। वित्त मंत्रालय ने सोमवार को एक अधिसूचना जारी की है जिसमें रेलवे को 30 सितंबर तक 12 फीसद सेवा कर में छूट दी गई है।
वित्त मंत्रालय के एक बयान में कहा गया, सरकार ने भारतीय रेल की मुख्य सेवाओं को सेवा कर से मुक्त कर दिया गया है जिनमें माल और यात्री परिवहन की सेवाएं शामिल हैं।
यह छूट अगले तीन महीने 30 सितंबर 2012 तक लागू रहेगी।
पिछले सप्ताह रेल मंत्री मुकुल राय ने प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह को पत्र लिखा था और उनसे एक जुलाई से यात्री किराया और माल भाड़े पर सेवा कर लागू न करने की अपील की थी। सिंह अब वित्त मंत्रालय का प्रभार भी संभाल रहे हैं।
वित्त मंत्रालय ने एक जुलाई से नई सेवा कर व्यवस्था लागू की है इसमें। एक ‘निषेधात्मक सूची’ में दर्ज सेवाओं के अलावा बाकी सभी प्रकार की सेवाओं को सेवा कर के दायरे में ला दिया गया है।
वित्त वर्ष 2009-10 के आम बजट में रेल यात्रियों के किराए और माल भाड़े पर सेवा कर का प्रस्ताव किया गया था लेकिन तत्कालीन रेल मंत्री ममता बनर्जी के विरोध के कारण इसे रोक दिया गया। उसके बाद से यह छूट तिमाही आधार पर बढ़ाई गई।
इससे पहले राय ने वित्त मंत्री प्रणव मुखर्जी से भी सेवा कर में रेल को छूट देने का आवेदन किया था।
यदि सरकार रेल परिवहन पर 12 फीसद का सेवा कर लगाती है तो सभी वातानुकूलित श्रेणी का यात्री किराया बढ़ेगा और प्रथम श्रेणी का किराया 3.6 फीसद बढ़ जाएगा।
आकलन के मुताबिक यदि रेल विभाग सवारियों पर सेवा कर का बोझ नहीं डालना चाहता तो विभाग पर 6,000 करोड़ रुपए का अतिरिक्त बोझ पड़ेगा। (एजेंसी)
First Published: Monday, July 2, 2012, 18:19