रेल बजट: सुरक्षा की आस में सफर हुआ महंगा - Zee News हिंदी

रेल बजट: सुरक्षा की आस में सफर हुआ महंगा



ज़ी न्यूज ब्यूरो

 

नई दिल्ली : तमाम राजनीतिक दबावों को दरकिनार करते हुए रेल मंत्री दिनेश त्रिवेदी ने बुधवार को पेश वर्ष 2012-13 के रेल बजट में यात्री किराए में अच्छी-खासी बढ़ोतरी करने के साथ रेलवे के आधुनिकीकरण के लिए 60 हजार करोड़ रुपये से अधिक के निवेश का प्रस्ताव रखा है। यात्रियों की सुरक्षा को सबसे अहम बताते हुए त्रिवेदी ने किराए में 2 से लेकर 30 पैसे प्रति किलोमीटर की वृद्धि की है। इस तरह यदि आप दिल्ली से पटना की यात्रा एसी प्रथम श्रेणी में करते हैं तो आपको करीब 300 रुपये अधिक देने होंगे। इसके साथ ही रेल मंत्री ने 75 नई रेलगाड़ियों और 21 नई पैसेंजर गाड़ियों को शुरू करने के अलावा 39 रेलगाड़ियों के विस्तार और 23 रेलगाड़ियों के फेरों में वृद्धि का प्रस्ताव रखा है।

 

त्रिवेदी ने इसके अलावा पैसेंजर ट्रेनों में प्रति किलोमीटर तीन पैसे, स्लीपर श्रेणी में प्रति किलोमीटर पांच पैसे, एसी-3 और एसी-चेयरकार में प्रति किलोमीटर दस पैसे, एसी-2 में 15 पैसे और एसी-1 में प्रति किलोमीटर 30 पैसे की बढोतरी का ऐलान किया। बजट में प्लेटफार्म टिकट तीन रुपये से बढाकर पांच रुपये कर दिया गया है।

 

आठ साल बाद रेलवे यात्री किराये में बढोतरी की गई है। लोकसभा में बतौर रेल मंत्री पहली बार बजट पेश कर रहे दिनेश त्रिवेदी ने कहा कि रेलवे बहुत कठिनाई के दौर से गुजर रही है और उसके कंधे और कमर झुक गई है। उन्होंने कहा कि रेलवे की आर्थिक स्थिति सुधारने के लिए यात्री किराये में की जा रही वृद्धि मामूली है और उपनगरीय ट्रेनों के लिए प्रति किलोमीटर दो पैसे की बढोतरी की जा रही है। एसी-2, एसी चेयरकार और शयनयान में कुछ खास बीमारियों से ग्रस्त मरीजों को रेल किराये में 50 प्रतिशत रियायत दी गई है । इज्जत योजना के तहत अब 25 रूपये के मासिक पास पर 100 की बजाय 150 किलोमीटर तक सफर किया जा सकेगा।

 

रेल बजट में उठाए गए 'सख्त' कदमों के लिए प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह की प्रशंसा बटोरने वाले त्रिवेदी ने किराए में वृद्धि को रेलवे की खराब वित्तीय हालत में सुधार के लिए बेहद जरूरी बताया है। रेल मंत्री के रूप में अपना पहला बजट पेश करते हुए त्रिवेदी ने कहा कि मेरा जोर सुरक्षा, सुरक्षा, सुरक्षा पर होगा।

 

पिछले आठ साल में रेल यात्री किराये में पहली बार बढोतरी की गई है। इसके अलावा उन्होंने 75 नई एक्सप्रेस ट्रेनों, 21 नई सवारी गाडियों, मंबई उपनगरीय रेल नेटवर्क पर 75 नई सेवाओं तथा कोलकाता और चेन्नई उपनगरीय नेटवर्क पर क्रमश: 50 और 15 नई सेवाओं को शुरू करने का ऐलान किया। वर्ष 2012-13 में एक लाख नई नौकरियां देने का लक्ष्‍य भी रखा गया है।

 

हाल के वर्षों में हुई बड़ी रेल दुर्घटनाओं को देखते हुए रेल मंत्री ने बुधवार को रेल बजट में 12वीं पंचवर्षीय योजना अवधि के दौरान सुरक्षा के साथ नेटवर्क विस्तार एवं आधुनिकीकरण पर विशेष जोर दिया है। रेल बजट पेश करते हुए त्रिवेदी ने कहा कि मेरा जोर सुरक्षा, सुरक्षा, सुरक्षा पर होगा। उन्होंने कहा कि पिछले वर्ष उत्तर प्रदेश में रेल दुर्घटना की पृष्ठभूमि में पद संभालने के कुछ ही समय बाद यह निर्णय लिया गया था। अपना पहला रेल बजट पेश करते हुए त्रिवेदी ने कहा कि मैं रेल यात्रा को दुर्घटना रहित बनाना चाहता हूं। परमाणु ऊर्जा आयोग के पूर्व प्रमुख अनिल काकोदकर की अध्यक्षता वाले विशेषज्ञ समूह की अनुशंसा पर मैं एक स्वतंत्र रेल सुरक्षा प्राधिकरण की स्थापना का प्रस्ताव रखता हूं।

 

त्रिवेदी के अनुसार अन्य चार प्राथमिकताएं एकीकरण, भीड़भाड़ कम करना एवं क्षमता में वृद्धि, आधुनिकीकरण और परिचालन लागत कम करना है। रेल मंत्री ने कहा कि परिचालन लागत वर्तमान के 95 फीसदी से घटाकर 84.5 फीसदी तक लाया जाएगा और 12वीं पंचवर्षीय योजना के अंत तक इसे घटाकर 74 फीसदी तक लाया जाएगा। अभी तक रेलवे को 100 रुपये कमाने के लिए 95 रुपये खर्च करने होते हैं। भारतीय रेल 64,000 किमी मार्ग के साथ विश्व का तीसरा सबसे बड़ा नेटवर्क है। इस नेटवर्क पर प्रतिदिन 12,000 यात्री रेलगाड़ियां एवं 7,000 मालगाड़ियां क्रमश: 230 लाख यात्रियों एवं 26.5 लाख टन सामान की ढुलाई करती हैं।

 

देश के सामाजिक-आर्थिक परिवर्तन में रेलवे की भूमिका को रेखांकित करते हुए त्रिवेदी ने कहा कि रक्षा एवं विदेश नीति की तरह महत्वपूर्ण रेल लाइनों के सम्बंध में राष्ट्रीय नीति को क्रियान्वित करने का वक्त आ गया है। उन्होंने कहा कि 12वीं पंचवर्षीय योजना (2012-17) के दौरान भारतीय रेल 7.35 लाख करोड़ रुपये निवेश करेगी जिसमें से 1.92 लाख करोड़ रुपये अगले वित्त वर्ष के दौरान निवेश किए जाएंगे। मंत्री ने कहा कि 2012-13 के लिए अब तक की सर्वाधिक 60,100 करोड़ रुपये की योजना प्रस्तुत की गई है और अगले 10 वर्षो के दौरान आधुनिकीकरण के लिए 14 लाख करोड़ रुपये की आवश्यकता होगी।

 

रेल मंत्री अगले वित्त वर्ष के लिए 6870 करोड़ रुपये की लागत से 85 नई रेल लाइनें बिछाने का प्रस्ताव रखा और कहा कि 114 अन्य लाइनों के लिए सम्भाव्यता सर्वेक्षण किया जाएगा। उन्होंने कहा कि रेलगाड़ियों की रफ्तार 90-100 किमी प्रति घंटा से बढ़ाकर 160 किमी प्रति घंटा करने का प्रयास किया जाएगा। रेल मंत्री ने घोषणा की कि काकोदकर समिति की सिफारिशों पर ध्‍यान दिया जाएगा। उन्‍होंने कहा कि रेलवे सेफ्टी अथॉरिटी बनेगी। इसके अलावा रेलवे रिसर्च एंड डेवलपमेंट काउंसिल बनेगी। पांच साल में हर फाटक पर क्रासिंग बनाया जाएगा। रेलवे के आधुनिकीकरण के लिए 5.6 लाख करोड़ रुपये की जरूरत होगी और इस क्षेत्र में यह निवेश किया जाएगा।

 

त्रिवेदी ने सहयोग के लिए ममता बनर्जी का भी आभार जताया। उन्‍होंने इस बात पर जोर दिया कि रेलवे को जीरो एक्‍सीडेंट टॉलरेंस बनाया जाए। मानव रहित रेलवे क्रासिंग के लिए एक कंपनी बनेगी। रेल अनुसंधान समिति भी बनाने की बात उन्‍होंने कही। उन्होंने रेल बजट पेश करते हुए सोनिया गांधी, मनमोहन सिंह और विपक्ष का धन्यवाद अदा किया। इसके अलावा, कई अन्‍य अहम घोषनाएं भी इस रेल बजट में की गई, जिसके मुख्‍य बिंदु इस प्रकार हैं।

 

रेल बजट 2012-13 की मुख्य बिंदुएं-

 

रेल किराए में बढ़ोतरी

 

-प्लेटफॉर्म टिकट 3 रुपये के बजाय अब 5 रुपए का
-एसी-1 में किराया 30 पैसे/ किमी बढ़ा
-एसी-2 में किराया15 पैसे/ किमी बढ़ा
-एसी-3 में किराया 10 पैसे/ किमी बढ़ा
-साधारण किराया 2 पैसे/ किमी बढ़ा
-स्लीपर की किराया 5पैसे/ किमी बढ़ा

 

रियायत

-अर्जुन अवॉर्ड से सम्मानितों लोग राजधानी और शताब्दी में मुफ्त यात्रा कर सकते हैं।
-इज्जत योजना के तहत अब 25 रूपये के मासिक पास पर 100 की बजाय 150 किलोमीटर तक सफर।
-एनिमिया से पीड़ित रोगियों को किराए में छूट।

 

रेल बजट के वित्तीय बिंदु:

 

- 102.5 करोड़ टन माल ढुलाई

 

-इससे 89,339 करोड़ रुपये कमाने

 

- यात्री किराए से 36,100 करोड़ रुपये कमाने

 

- समर्पित माल ढुलाई गलियारे के लिए विश्व बैंक से 6,500 करोड़ रुपये कर्ज को अंतिम रूप

 

-कुल 1.32 लाख करोड़ रुपये जुटाने का लक्ष्य।

 

-नए वित्तीय वर्ष में 84400 करोड़ की जरूरत।

 

-12वीं पंचवर्षीय योजना अवधि में 6,500 किलोमीटर मार्ग का विद्युतीकरण और इसके लिए 8000 करोड़ रुपये का आवंटन।

 

- वित्त मंत्रालय से 3 हजार करोड़ कर्ज लिया गया।

 

- वर्ष 2012-13 में 4,410 करोड़ रुपये जुटाने के लिए क्षमता विस्तार।

 

- वर्ष 2012-13 में 85 नई रेल मार्ग परियोजनाएं।

 

- वर्ष 2012-13 में 114 नए रेल मार्गो का सर्वेक्षण।

 

- नई रेल मार्ग परियोजनाओं को 2012-13 में 6,870 करोड़ रुपये मिलेंगे।

 

- 800 किलोमीटर मार्ग पर गेज परिवर्तन और इस कार्य के लिए 1,950 करोड़ रुपये का आवंटन।

 

-यात्री सुविधा बढ़ाने पर 1,112 करोड़ रुपये का खर्च, क्षेत्रीय रसोई की सुविधाएं।

 

-- 12वीं पंचवर्षीय योजना अवधि में 6,500 किलोमीटर मार्ग का विद्युतीकरण और इसके लिए 8000 करोड़ रुपये का आवंटन।

 

- रेलवे को 10 सालों में आधुनिकीकरण के लिए 14 लाख करोड़ रुपये की जरूरत।

 

 

 

यात्रियों की सुविधा

 

-    कई ट्रेनों में आरपीएफ जवानों की तैनाती होगी।

 

-    बंगलोर-खरगपुर और लखनऊ के बीच तीन नई ट्रेनें चलेंगी।

 

-    साफ-सफाई पर खास ध्यान दिया जाएगा।

 

-    विशेष हाउस कीपिंग बडडी ट्रेनों और स्टेशन का ध्यान रखेगी।

 

-    विकलांगों के लिए गरीब रथ में विशेष कोच लगाए जाएंगे।

 

 

सुरक्षा

 

-रेलवे के सुरक्षा मानक बेहतर नहीं।

 

-सुरक्षा मानकों पर ध्यान देकर उन्हें बेहतर यानी आधुनिक बनाया जाएगा।

 

-रेल हादसों में कमी आई है जो  .77 फीसदी से घटकर .55 फीसदी हुए है।

 

-इसके लिए स्वतंत्र रेल समिति का गठन होगा।

 

-रेलवे सेफ्टी फंड लगभग 16 हजार करोड़ का है।

 

-इसे बढाकर 20 हजार करोड़ करने का प्रावधान है।

 

-रेल हादसों को रोकने के लिए जीर एक्सीडेंट पर जोर।

 

 

 

बजट की अन्य प्रमुख बातें:

 

-रेलवे के आधुनिकीकरण के लिए 5.6 लाख करोड़ की जरुरत।

 

-आधुनिकीकरण के लिए उच्च स्तरीय कमेटी का गठन होगा।

 

-रेलवे रिसर्च एंड डेवलपमेंट काउंसिल का गठन किया जाएगा।

 

-रेलवे के बुनियादी ढाचे के लिए 2.5 लाख करोड़ की जरूरत होगी।

 

-सीमावर्ती इलाकों में रेलवे को बेहतर बनाने पर जोर।

 

-487 योजनाओं का समय पर पूरा होना मुश्किल।

 

-मानव रहित क्रॉसिंग खत्म करने के लिए कंपनी बनेगी।

 

-बजट से रेलवे को बहुत कम सहायत मिलती है।

 

-पिछड़े इलाके मे रेल नेटवर्क की सख्त जरुरत है।

 

-रेलवे को 10 फीसदी सरकारी अनुदान मिलना चाहिए।

 

-रेल की पटरियां कम पड़ रही है।

 

-रेलवे के लिए व्यावहारिक वित्तीय मॉडल की जरूरत।

 

-रेलवे मजबूत नहीं हुआ तो देश कमजोर होगा।

 

-जीडीपी की मौजूदा दर कायम रखने के लिए 10 फीसदी ग्रोथ जरुरी।

 

-सुरक्षा नीति की तरह रेल के लिए राष्‍ट्रीय नीति की जरूरत

 

- रेलवे को दस फीसदी सरकारी अनुदान मिलना चाहिए

 

- रेलवे के लिए व्‍यावहारिक वित्‍तीय मॉडल की जरूरत

 

- जीडीपी की मौजूदा दर कायम रखने को दस फीसदी ग्रोथ जरूरी

 

-2012-13 में 60,100 करोड़ रुपये का बजट रखा गया है

 

- रेलवे बजट विजन-2020 के लिए एक कड़ी

 

- नवीं मुंबई को देश के बाकी हिस्सों से जोड़ेंगे।

 

-4 नए रेल कोर्च टर्मिनल बनेंगे।

 

-डबल डेकर मालगाडि़यां बनेंगी

 

-हादसे रोकने के लिए नई किस्‍म के डिब्‍बे लगाए जाएंगे।

 

-भारतीय रेल स्‍टेशन विकास निगम बनाया जाएगा

 

-11000 किमी. ट्रैक बदला जाएगा

 

-100 स्‍टेशन एयरपोर्ट की तरह बनाए जाएंगे

 

-स्‍टेशनों के विकास के लिए निगम बनेगा

 

-स्‍टेशन विकास निगम में 50000 नौकरी लगेगी

 

-मुंबई-पनवेल में नई कोचिंग संस्थान खोले जाएंगे।

 

-19 हजार किलोमीटर ट्रैक को बदलने की जरूरत है।

 

-3 हजार किलोमीटर ट्रैक पर ऑटोमेटिक अलॉर्म सिस्टम लगेगा।

 

-111 नई रेल गाड़ियों का सर्वे किया गया।

 

-100 स्टेशन एयरपोर्ट जैसे बनाए जाएंगे।

 

-लॉजिस्टिक कॉरपोरेशन भी बनाया जाएगा।

 

-अधूरे प्रोजेक्ट सरकारी मदद के बिना पूरे नहीं।

 

-कश्मीर और उत्तर पूर्व में रेल के विकास के लिए पैसा चाहए।

 

-मुंबई लोकल के लिए 1500 डिब्बे जोड़े।

 

-रेलवे की कमाई सरकार रेल में निवेश करे।

 

-हॉर्बर लाइन पर 12 कोच वाली ट्रेन चलेंगी।

 

-5 साल में रेलवे पटरियों की मरम्मत होगी।

 

-सीएसटी-कल्याण के बीच नया रेल कॉरिडोर।

 

-रेलवे को 45 हजार करोड़ की जरूरत।

 

-अगले पांच साल में सभी छोटी लाइन बड़ी लाइन में बदलेंगे।

 

-चर्चगेट से विरार तक पुल पर ट्रेन का विचार।

 

-पीपीपी मॉडल के नतीजे अच्छे नहीं रहे।

 

-रायबरेली कोच फैक्ट्री सवारी डिब्बों के उत्पादन को तैयार।

 

-उड़ीसा में मालगाड़ी का कारखाना लगेगा।

 

-मध्य प्रदेश के विदिशा में डीजल लोकोमोटिव प्लांट लगेगा।

 

-कच्छ और कर्नाक में भी फैक्ट्री लगेगी।

 

-छपरा में बिजली उत्पादन का कारखाना जल्द शुरू।

 

- सवारी डिब्बे की फैक्ट्री केरल में।

 

-अगरतला को बांग्लादेश से जोड़ने पर काम होगा।

 

-अगरतला से अखौरा तक रेल लिंक का प्रस्ताव।

 

-कई स्टेशन पर एसी लाउंज बनेंगे।

 

-नेपाल को रेल से जोड़ने पर काम।

 

-कई रेलवे स्टेशन पर एस्कलेटर लगेंगे।

 

-सार्वजनिक निजी भागीदारी में रेलवे को भरोसा।

 

-वेटिंग लिस्ट को दूसरी ट्रेन में जगह।

 

-ट्रेनों की जानकारी SMS पर भी।

 

-ई-टिकट  एसएमएस टिकट माना जाएगा।

 

-37 ट्रेनों की सेटेलाइट से टैकिंग।

 

-विकलांगों के लिए 2100 कोच तैयार।

 

-नामचीन ऐजेंसी को कैटरिंग का जिम्मा।

 

-ट्रेन स्टेशन पर विश्व स्तर का खाना मुहैया कराएंगे।

 

-दिल्ली-जयपुर-अजमेर-जोधपुर रूट पर बुलेट ट्रेन का सर्वे होगा।

 

-अगले साल 2500 बोगी में ग्रीन टॉयलेट।

 

-हाई स्पीड रेलवे ट्रैक का अध्यन होगा।

 

-कर्मचारियों के लिए सेहत कार्यक्रम।

 

-कर्मचारियों को 78 दिनों का बोनस मिलेगा।

 

-हवाई जहाज की तरह होंगे ट्रेनों में टॉयलेट।

 

 

 

 

 

 

 

 

First Published: Thursday, March 15, 2012, 17:38

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